महासंघ के केंद्रीय सचिव वीरेंद्र कुमार पांडेय ने प्रशिक्षण से लौटकर सरिया में इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बीआरपी/सीआरपी महासंघ झारखंड प्रदेश के आह्वान पर गिरिडीह जिला के बीआरपी-सीआरपी एकता का परिचय देते हुए क्षमता निर्माण प्रशिक्षण लिया. संघ की आठ सूत्री मांग लंबित हैं. इसमें ऐप के तहत आश्रितों को मृत्यु लाभ देना, अनुकंपा के आधार पर आश्रितों को नौकरी, स्वास्थ्य बीमा के तहत पांच लाख तक का मुफ्त इलाज की सुविधा, सेवानिवृत्ति पर 10 लाख रुपये अनुग्रह राशि देना, सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि, सीआरपी-बीआरपी के मूल मानदेय में 20 प्रतिशत की वृद्धि करने सहित अन्य शामिल है. बताया कि बीआरपी/सीआरपी महासंघ ने उक्त मांगों से संबंधित एक ज्ञापन राज्य परियोजना निदेशक रांची को दिया है. इसमें महासंघ के अध्यक्ष पंकज शुक्ला, महासचिव अमर कुमार खत्री, कोषाध्यक्ष अशोक पाल, सचिव जितेंद्र सिंह के हस्ताक्षर हैं.
इनकी रही उपस्थिति
काला बिल्ला लगाकर प्रशिक्षण पाने वालों में संघ के जिलाध्यक्ष राजीव रंजन, राजकुमार, सदानंद प्रजापति, भागीरथ वर्मा, आशीष सेठ, पवन सिंह, रितेश बर्णवाल, रविंद्र कुमार, ऋषि रंजन, नवीन कुमार, पुरुषोत्तम त्रिवेदी, संजय राय, अशद आलम, संत कुमार राम, जयकिशोर विश्वकर्मा, प्रदीप विश्वकर्मा, अजय शर्मा, बाल लखन, दिनेश कुमार, महेश मिस्त्री, संतोष कुमार, छत्रु राम महतो, नवलेंद्र कुमार, संतोष सिन्हा, महेंद्र कुमार सिंह समेत गिरिडीह के अन्य बीआरपी-सीआरपी शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

