Giridih News : सूरज सिन्हा, गिरिडीह. भाजपा में गिरिडीह महानगर एवं गिरिडीह ग्रामीण अध्यक्ष पद को लेकर एक अनार सौ बीमार की हालत हो गयी है. अध्यक्ष पद को लेकर रायशुमारी की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद दावेदारों की दौड़ रांची तक शुरू हो गयीहै. वरीय नेताओं से संपर्क स्थापित कर अपने-अपने पक्ष को मजबूती के साथ रखने का प्रयास किया जा रहा है. कई दावेदार जहां रांची में कैंप करना शुरू कर दिया है, वहीं कई दावेदार अपने समर्थकों के साथ वरिष्ठ नेताओं से मिलने की रणनीति बना रहे हैं.
बता दें कि इस बार भाजपा ने सांगठनिक दृष्टिकोण से गिरिडीह जिला को दो भागों गिरिडीह महानगर एवं गिरिडीह ग्रामीण में विभक्त किया है. गिरिडीह महानगर एवं गिरिडीह ग्रामीण के लिए अलग-अलग अध्यक्ष होंगे. दोनों ही जगहों से अध्यक्ष पद के लिए आधा-आधा दर्जन दावेदार हैं. रायशुमारी के दौरान दावेदारों ने गोलबंदी करने की पूरी कोशिश की. जाहिर है रायशुमारी के बाद दावेदारों द्वारा इसका आकलन लगाया जा रहा है कि उन्हें कितना समर्थन हासिल हुआ है. जातिगत और सामाजिक दृष्टिकोण से किस-किस मंडल से कितना समर्थन प्राप्त हुआ है, इसको लेकर माथापच्ची की जा रही है. कुछ दावेदार जहां पद की लालसा में व्याकुल नजर आ रहे हैं तो कई निश्चिंत हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक गिरिडीह महानगर एवं गिरिडीह ग्रामीण में अध्यक्ष पद को लेकर अगड़ा-पिछड़ा का भी समीकरण हावी रहेगा. अगर किसी एक भाग में अगड़ा से अध्यक्ष बनाया जाता है तो स्वाभाविक रूप से दूसरे भाग में पिछड़ा को अध्यक्ष पद का दायित्व मिल सकता है. यूं तो पिछले दिनों भाजपा जिला कार्यालय में रायशुमारी के पश्चात भाजपा जिला चुनाव अधिकारी द्वारा रायशुमारी में आये नामों की सूची को प्रदेश नेतृत्व के समक्ष जमा करा दिया गया है. प्रदेश में आगामी दो दिनों तक तमाम नामों का बारीकी से अध्ययन किया जायेगा. नेतृत्व क्षमता, संगठन के प्रति समर्पण, राजनीतिक अनुभव के साथ-साथ व्यक्तित्व व कार्यशैली का भी अवलोकन किया जायेगा. इसके पश्चात ही अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगायी जायेगी. जाहिर है दावेदारों की दिल की धड़कनें तेज है. सभी की निगाहें प्रदेश नेतृत्व की ओर टिकी हुई है.गिरिडीह महानगर में आठ, वहीं गिरिडीह ग्रामीण अध्यक्ष पद के लिए हैं छह दावेदार
भाजपा गिरिडीह महानगर अध्यक्ष पद के लिए आठ दावेदार हैं. इनमें भाजपा प्रदेश मंत्री दिलीप वर्मा, पूर्व जिला महामंत्री सुभाषचंद्र सिन्हा, जिला उपाध्यक्ष नवीन सिन्हा, जिला महामंत्री संदीप डंगेच, जिला मंत्री रंजीत राय, पूर्व जिलाध्यक्ष यदुनंदन पाठक, पूर्व नगर अध्यक्ष संजीत सिंह पप्पू एवं सदानंद राम शामिल हैं. रायशुमारी के दौरान किसके पक्ष में कितना समर्थन हासिल हुआ है, यह तो लिफाफा में बंद है. लेकिन कयासों का दौर जारी है. हरेक दावेदार मंडल स्तर पर अपने-अपने पक्ष में समर्थन का डाटा जुटाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. विदित हो कि गिरिडीह महानगर में गिरिडीह विस, गांडेय विस व डुमरी विधानसभा के तीन मंडल शामिल किये गये हैं. वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में गिरिडीह एवं गांडेय विस क्षेत्र में भाजपा को हार मिली थी. वहीं एनडीए गठबंधन के तहत डुमरी सीट आजसू के खाते में चली गई थी, जहां हार मिली. इधर, गिरिडीह ग्रामीण में अध्यक्ष पद के लिए छह दावेदार हैं. इनमें भाजपा जिलाध्यक्ष महादेव दुबे, जिला महामंत्री महेंद्र वर्मा, आशीष कुमार बॉडर्र, अजय रंजन, देवनाथ राणा एवं पवन साव शामिल हैं. बता दें कि भाजपा संगठन में प्रादुर्भाव हुए गिरिडीह ग्रामीण में जमुआ विस, धनवार विस एवं बगोदर विस क्षेत्र के मंडलों को शामिल किया गया है. वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में इन तीनों सीटों पर भाजपा ने विजयी हासिल की है. धनवार से बाबूलाल मरांडी, बगोदर से नागेंद्र महतो एवं जमुआ से डॉ मंजू कुमारी विधायक हैं. गिरिडीह जिला का यह क्षेत्र कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है, जहां से केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी सांसद हैं. जाहिर है गिरिडीह ग्रामीण भाजपा अध्यक्ष के चयन को लेकर नेता प्रतिपक्ष सह प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी एवं केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी का मंतव्य महत्वपूर्ण होगा. इसके अलावा जमुआ व बगोदर विस क्षेत्र के विधायकों से भी राय ली जायेगी. पार्टी सूत्रों की मानें तो चूंकि पहली बार गिरिडीह ग्रामीण के लिए भाजपा अध्यक्ष चुने जायेंगे, लिहाजा कार्य कुशलता, नेतृत्व क्षमता एवं जातिगत समीकरण मायने रख सकता है. बहरहाल, अध्यक्ष पद को लेकर भाजपा की राजनीति हॉट बनी हुई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

