पीरटांड़ व मुफ्फसिल थाना क्षेत्र की सीमा स्थित बराकर में पिकनिक का आनंद लेने लोगों का आना-जाना शुरू हो गया है. प्रकृति की अद्भुत बनावट को देखना व समय बिताना हर किसी का पसंद है. कल-कल बहती बराकर नदी तट पर पिकनिक मनाने और दोस्तों के साथ मस्ती करने का अपना अलग ही एक मजा है. बराकर नदी तट पर भगवान शंकर का काफी पुराना मंदिर है. जिस जगह भगवान भोलेनाथ का मंदिर है, वहीं से थोड़ी दूर बराकर नदी उत्तरवाहिनी है. उत्तर वाहिनी नदी में स्नान कर भगवान भोलेनाथ को जलार्पण करने लोगों की काफी भीड़ उमड़ती है. बड़े-बड़े चट्टानों में पत्थरों से चूल्हा बनाकर जंगली झाड़ियों से जलावन चुनकर खाना बनाने का बेहद आनंद है.
जैन मंदिर लोगों को करता है आकर्षित
बराकर नदी तट के बगल जैनियों का भव्य मंदिर है. संगमरमर की आकर्षक कारीगरी से बने मंदिर लोगों को मोहित करते हैं. बराकर नदी तट पर कुंजरकिया पहाड़, पानी टंकी, रणवाहीर, चंपानगर घाट आदि में सैलानियों की भीड़ रहती है. दोस्तों का समूह, परिवार के साथ लोगों की भीड़ और स्कूली बच्चों की पसंद है. दिसंबर माह के शुरू होते ही पर्यटकों की भीड़ प्रकृति की गोद में बसे बराकर आनी शुरू हो जाती है. यहां पिकनिक मनाने लोग 18 जनवरी तक आते हैं.
बायो डायवर्सिटी पार्क भी आ रहे लोग
बराकर नदी के आसपास कई ऐसे आकर्षक स्थान हैं, जहां लोग घूमना पसंद करते हैं. बराकर नदी से बगल ही भव्य बायो डायवर्सिटी पार्क बन रहा है. इसका आधा से अधिक निर्माण कार्य हो चुका है.
कैसे पहुंचे
गिरिडीह से दक्षिण 12 किमी व डुमरी से उत्तर की दिशा में 30 किलोमीटर की दूरी पर बसा है बराकर. यहां निजी व भाड़े वाले वाहनों से पहुंचा जा सकता है.
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