गिरिडीह.
जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय एसएन सिकदर की अदालत ने पत्नी की हत्या के आरोपी विजय रवानी को रिहा कर दिया है. फैसले की सुनवाई के लिए अभियुक्त के परिजन काफी संख्या में अदालत कक्ष के बाहर उपस्थित थे. इस मामले में देवघर जिला के मारगोड़ीह गांव के रहने वाले कामदेव रवानी ने तीन जून 2018 को ताराटांड़ थाना में अपनी बेटी के ससुराल वालों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज कराया था. ताराटांड़ थाना कांड 11/2018 दर्ज किया गया था, जिसमें कामदेव रवानी ने आरोप था कि उसकी बेटी बेबी देवी से उसके पति, ससुर, ननद, देवर तथा गोतनी मिलकर मारपीट करते थे. 3 जून 2018 को उसकी बेटी ने एक बजे फोन पर उन्हें सूचना दी कि उसके ससुराल वाले उसके साथ मारपीट कर रहे हैं. वह बेटी के ससुराल जा रहा था, तभी उसके दामाद विजय रवानी ने फोन कर उन्हें बताया कि बेबी कुआं में डूब कर मर गयी है. विजय रवानी के आवेदन पर यह मामला दर्ज किया गया था. अनुसंधान के बाद पुलिस ने बेबी देवी के पति के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया. इस मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 6 साक्षियों का गवाह कराया गया. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक रवि चौधरी ने बहस की, जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता महीप मयंक और सोहम सरकार ने बहस की. बचाव पक्ष ने दलील देते हुए कहा कि इस मामले में बेबी देवी को किसी ने मारते हुए नहीं देखा है. केवल संदेह के आधार पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है. सुनवाई के दौरान श्री मयंक ने कई तकनीकी सवाल उठाये और कहा कि सीधे तौर पर यह मामला दुर्घटना से मृत्यु की ओर इंगित करता है. दोनों तरफ की दलील सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है