गिरिडीह : चाइल्ड कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सह जिला व सत्र न्यायाधीश (प्रथम) रामबाबू गुप्ता की अदालत ने शनिवार को दुष्कर्म के मामले में 17 वर्षीय किशोर को दो धाराओं में दस-दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही अदालत ने पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी किया है. यह मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के एक गांव का है. 30.04.2018 को गांव में पांच वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी.
पीड़िता के पिता ने मुफस्सिल थाना में 01.05.2018 को मामला (कांड संख्या 143/18) दर्ज कराया था. यह मामला धारा 342, 376 व 6 पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुआ था. मामले में पीड़िता के पिता ने कहा कि 30 अप्रैल 2018 को उसकी पांच वर्षीय बच्ची दोपहर के दो बजे बगान में आम चुनने के लिए गयी थी. काफी देर तक जब वह घर नहीं लौटी तो उन्होंने अपने बेटे को देखने के लिए भेजा.
उसके बेटा ने देखा कि आम पेड़ के पास जहां किशोर का बाथरूम है, वहां एक व्यक्ति खड़ा है और बाथरूम के अंदर किशोर उसकी बेटी के साथ गलत काम कर रहा है. जब उसके बेटे ने बाथरूम में जाने का प्रयास किया, तब उस व्यक्ति ने उनके बेटे को पकड़कर रोक लिया. गलत काम करने के बाद जब उनकी बेटी को छोड़ दिया गया तब उनकी बेटी व बेटा घर लौटे. बेटी ने सारी बातें परिजनों को बतायीं. उन्होंने जब किशोर के घर जाकर इसकी जानकारी दी तो लोग उनकी बातें सुनने को तैयार नहीं हुए.
इसके बाद एक मई 2018 को मुफस्सिल थाना में मामला दर्ज कराया. अभियोजन पक्ष की ओर से प्रभारी लोक अभियोजक अजय कुमार साह ने अदालत में गवाहों के बयान का परीक्षण कराया. इस मामले में अदालत ने किशोर को चार फरवरी को ही दोषी ठहराया था.
मामले में अदालत ने किशोर को धारा 342/120बी में एक वर्ष की सजा व एक हजार का जुर्माना किया. जबकि धारा 376 व 6 पोक्सो एक्ट में दस-दस वर्ष की सजा सुनायी और दोनों धाराओं में पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी किया है. अदालत ने कहा कि दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी. इसके बाद किशोर को बाल सुधार गृह हजारीबाग ले जाया गया.