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हाथियों के कारण महुआ चुनने से डर रहे हैं ग्रामीण

हाथियों के कारण महुआ चुनने से डर रहे हैं ग्रामीण

धुरकी. धुरकी प्रखंड क्षेत्र के कनहर तटीय इलाकों में हाथियों का झुंड लगातार विचरण कर रहा है. इससे अगल-बगल के गांव के लोगों को अपनी फसल बचाने की चिंता हो रही है. इधर जंगल में महुआ की फसल तैयार हो रही है, इसे चुनने के लिए ग्रामीणों को हाथियों का भय सता रहा है. बताया गया कि 15 हाथियों का झुंड बीती रात जंगल में विचरण करता देखा गया है. इसके बाद से ही लोग भयभीत हो गये हैं. जंगल गये लोगों का कहना है हाथी कनहर नदी में पानी पीकर जंगल में घुस गये हैं, शाम होते ही बस्ती में निकल आते हैं. इससे लोग शाम होते ही अपन-अपने घरों में दुबक जा रहे हैं. महुआ की फसल चुनने के लिए ग्रामीणों को पेड़ के नीचे सोना पड़ता है, ताकि कोई दूसरा उनका महुआ न चुन ले, ऐसी स्थिति में रात में ग्रामीणों को हाथियों से जान का खतरा बना हुआ है. बड़ी आबादी की महुआ पर निर्भरता : गौरतलब है कि प्रखंड क्षेत्र की 75 प्रतिशत आबादी महुआ फसल पर निर्भर है. महुआ फसल से लोग अच्छी कमाई कर लेते हैं. लेकिन हाथी के जंगलों में डटे रहने के कारण इस बार यहां के ग्रामीणों की रबी फसल के साथ-साथ महुआ की फसल का भी नुकसान होने की संभावना है. इस संबंध में वनपाल प्रमोद कुमार ने कहा कि ग्रामीणों को रात में जंगल नहीं जाने को कहा गया है. कुछ लोगों के बीच सर्च लाइट भी वितरित की गयी है. रात में जंगलों में आग लगाने से बचने को कहा गया है. महुआ के सीजन में हाथी जंगल से निकलकर बस्ती की ओर आ जाते हैं. ऐसे में ग्रामीणों को जागरूक होना पड़ेगा.

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