केतार (गढ़वा)़ करमा की खुशियों के बीच केतार स्थित ताली गांव में मातम पसरा हुआ है. यहां पंडा नदी की लहरों ने दो मासूम कली जागृति एवं सोनम को निगल लिया. नन्हीं बच्चियों के दम तोड़ते ही गांव का हर आंगन सिसकियों से गूंज उठा. यहां पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार के शाम बेटियों की निर्जीव देह जैसे ही घर पहुंची, दोनों मांओं का विलाप सुनकर पत्थर दिल भी पिघल गया. यहां मां की ममता तड़प-तड़पकर हर किसी की आंखों से आंसू बहा रही थी. मासूम जागृतिएवं सोनम छोटे-छोटे भाई-बहन अपनी दीदी को बार-बार ढूंढते रहें. दरवाजे पर खड़े मासूम आवाजें निकलती रही मम्मी, दीदी कब आएगी? यह मासूम सवाल गांववालों के दिल को चीर रहा था. उधर, पूना एवं राजस्थान में मजदूरी कर रहे दोनों पिता सत्येंद्र विश्वकर्मा एवं रवि साह जैसे ही बेटी की मौत की खबर सुने, वहीं से टूटकर घर की ओर लौट पड़े. परन्तु किस्मत का ऐसा क्रूर खेल कि वे अपनी बच्ची के अंतिम विदाई में भी शामिल न हो सके. उनके आंसू और सिसकियां अब पूरी उम्र उन्हें रुलाती रहेंगी. गांव का हर घर मातम में डूबा है. यहां प्रशासन, समाजसेवी और जनप्रतिनिधि ढांढस बंधाने पहुंचें. लेकिन मां की गोद से छीनी गई ममता की पीड़ा को कोई बांट नहीं पा रहा. इन सबके बीच गुरुवार के सामने बच्चियों का अंतिम संस्कार किया गया. दोनों बच्चियों समीप के बक्शीपुर एवं ताली गांव में तीसरी कक्षा में पढ़ती थी. यहां के शिक्षक, सहपाठी, गांव के ग्रामीण से लेकर जनप्रतिनिधि, समाजसेवी के साथ-साथ विधायक अनंत प्रताप देव एवं पूर्व विधायक भानु प्रताप शाही में इस घटना पर दुख व्यक्त किया. इधर प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रशांत कुमार ने कहा कि घटना अत्यंत दुखद है. कागजी प्रक्रिया पूर्ण कर प्रावधान के अनुसार पीड़ित परिवार को सहयोग किया जायेगा.
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