खरौंधी.
खरौंधी मे प्रखंड संसाधन केंद्र (बीआरसी) की स्थापना के लगभग 20 वर्ष हो गये. इसका उद्घाटन 30 जून 2006 को हुआ था. पर आज भी यहां पीने का पानी एवं शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहींं हैं. समय पर रंग रोगन, साफ सफाई और मरम्मत न होने से भवन जर्जर होता जा रहा है. इसे लेकर शिक्षकों सहित बीआरसी स्टाफ में नाराजगी है. इस बीआरसी मे 58 विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षिका पहुंचते हैं. इसके अलावे शिक्षाकर्मी भी हैं, जिनके लिए पानी और शौचालय की व्यवस्था नहीं है. जबकि बीआरसी बीच बाजार मे है. ऐसे में खासकर महिला कर्मियों को बहुत परेशानी होती है. शुद्ध पेयजल नहीं : खरौंधी बीआरसी में साप्ताहिक गुरुगोष्ठी तथा मीटिंग हर समय आयोजित होती है. इसमें प्रखंड के सभी विद्यालय के प्रधानाध्यापक तथा शिक्षक भाग लेते है. लेकिन उनके लिए यहां पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. बीआरसी का चापाकल पिछले कई सालों से खराब है. गुरुगोष्ठी तथा मीटिंग में आने वाले शिक्षकों को बाजार से पानी खरीद कर पीना पड़ता है. पानी की समस्या को देखते हुए कई वर्ष पूर्व एक चापाकल लगवाया गया था. लेकिन समय-समय पर उसकी मरम्मत न होने से यह खराब रहता है.शौचालय की स्थिति बदतर : दरअसल बीआरसी का शौचालय जर्जर हो चुका है. वहां गंदगी भरी रहती है. बीआरसी आने वाले शिक्षक इसका प्रयोग नहीं करती. शौचालय की समस्या को लेकर शिक्षिकाएं लंबे समय से शिकायत करती रही हैं, पर इसे दुरुस्त नहीं कराया गया.
इसकी जानकारी नहीं है :इस संबंध में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीइइओ) प्रतिभा कुमारी ने कहा कि उन्हें इन बातों की जानकारी नहीं है. अगर बीआरसी में पीने का पानी और शौचालय का अभाव है, तो जल्द इसे दूर किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है