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स्वच्छ व सुंदर गढ़वा की नींव हैं स्वच्छता कर्मी

स्वच्छ व सुंदर गढ़वा की नींव हैं स्वच्छता कर्मी

गढ़वा.

सदर एसडीएम संजय कुमार ने अपने एक घंटे के नियमित साप्ताहिक संवाद कार्यक्रम कॉफी विद एसडीएम में गढ़वा जिले के स्वच्छता कर्मियों को बुधवार को अपने यहां कॉफी पर आमंत्रित किया था. इसके बाद गढ़वा एवं मझिआंव क्षेत्र के 75 स्वच्छता कर्मी भाई-बहनों ने संवाद कार्यक्रम में भाग लिया. एक घंटे से अधिक चले इस अनौपचारिक संवाद कार्यक्रम में अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने न केवल स्वच्छता कर्मियों से उनकी समस्याएं जानीं तथा शहर के विकास में उनके सुझाव लिये, बल्कि उनके योगदान को रेखांकित करते हुए अंग वस्त्र प्रदान कर उन्हें सम्मानित भी किया.

रखीं समस्याएं, दिये सुझाव : कार्यक्रम के दौरान आमंत्रित सदस्यों ने राशन कार्ड, आवास योजना, आयुष्मान कार्ड, घर के बुजुर्गों की पेंशन से जुड़ी अपनी निजी शिकायतें और समस्याएं रखीं. एसडीएम ने इन्हें एक-एक कर नोट किया तथा सभी को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया जायेगा. वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों ने शहर की बेहतरी को लेकर कई सुझाव भी दिये.

समय से मानदेय भुगतान हो : मझिआंव नगर पंचायत से पहुंचे स्वच्छता कर्मियों में से समुद्री देवी, शकुंतला देवी, अरुण कुमार, राकेश कुमार, बबलू राम, गोविंदा तथा विकास कुमार ने कहा कि उन लोगों को समय से मासिक मजदूरी नहीं मिल पाती है. कई महीनों का बकाया होने के बाद एक-एक महीने की मजदूरी मिलती है. उन्हें हर माह ससमय मजदूरी दी जाये. इसी प्रकार गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र के स्वच्छता कर्मचारी जितेंद्र राम, राजू राम व जगन राम ने वेतन वृद्धि एवं उनके स्थायीकरण की दिशा में आवश्यक कदम उठाने की पहल करने का अनुरोध किया.

ज्यादातर ने बतायी आवास की जरूरत : ज्यादातर स्वच्छता कर्मियों ने अपने परिवार के लिए आवास मुहैया करवाने का अनुरोध किया. उन्होंने बताया कि गढ़वा के ज्यादातर स्वच्छता कर्मी टंडवा के स्वीपर मोहल्ला, जिसे अब विवेकानंद कॉलोनी के नाम से जाना जाता है, वहां रहते हैं. नदी किनारे की इस स्लम बस्ती में लोगों ने झोपड़ी नुमा घर तो बना लिया है, लेकिन उन लोगों के पास इसका मालिकाना हक या रसीद नहीं है. इसलिए उनको प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस दिशा में उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी से अनुरोध किया कि वह स्लम विकास परियोजना के तहत उनके आवास बनवाने की दिशा में आवश्यक पहल कर सकते हैं. सोनवा देवी, शीला देवी व रीता देवी ने कहा कि उन्हें जो तनख्वाह मिल रही है, उससे उनका भरण पोषण तो हो जाता है किंतु आवास की समस्या बरकरार है. इसलिए अनुमंडल एवं जिला प्रशासन उन्हें आवास देने पर ज्यादा ध्यान देते हुए कोई सार्थक पहल करे.

कम आय में बच्चों को पढ़ाना मुश्किल : टंडवा की सुमन देवी एवं कुछ अन्य महिला कर्मियों ने कहा कि उन्हें लगातार काम करने के बदले जो मासिक मजदूरी मिलती है, उसके बलबूते वे अपने बच्चों को पढ़ा-लिखा नहीं सकतीं. इस पर एसडीओ ने उन्हें बताया कि सरकारी विद्यालयों में किसी प्रकार की फीस नहीं ली जाती है बल्कि छात्रवृत्ति, पुस्तकें, ड्रेस, बैग व मध्याह्न भोजन की भी सुविधा सरकार की ओर से मिलती है. इसलिए उनकी कम आय उनके बच्चों की पढ़ाई में कभी बाधा नहीं बनेगी. एसडीओ ने यह भी कहा कि यदि उनके बच्चों को पढ़ने में कोई दिक्कत आती है, तो वे उनसे बताये. वह बच्चियों का कस्तूरबा विद्यालयों में एवं बच्चों का आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिलवाने के लिए नियमानुसार सहयोग कर सकते हैं.

नागरिक सुविधाओं को लेकर रखी मांग : स्वच्छता कर्मियों ने एकजुटता से कहा कि उनकी बस्ती में भी नाली, सड़क, पाइप लाइन से जलापूर्ति व स्ट्रीट लाइट की सुविधा मिले. राजू राम और जगन राम ने कहा कि उनके मुहल्ले में सप्लाई के पानी का पाइप बिछा दिया गया है, पर कनेक्शन नहीं मिला है, क्योंकि उनके पास केवाला या रसीद नहीं है. इस पर अनुमंडल पदाधिकारी ने आवश्यक मदद का भरोसा दिलाया.

सफाई कर्मियों के लिए गर्व का पल : स्वच्छता निरीक्षक रामानुज प्रसाद ने कहा कि यह गढ़वा जिले के सफाई कर्मियों के लिए पहला अवसर है जब किसी पदाधिकारी ने उन्हें अपने कार्यालय में आदर सहित कॉफी पीने के लिए आमंत्रित किया हो. इतना ही नहीं एसडीओ जैसे वरीय पदाधिकारी ने इन स्वच्छता कर्मी भाई-बहनों को अपने जैसी कुर्सी पर अपने बगल में बैठा कर जिस प्यार से संवाद किया, उससे सभी सफाई कर्मियों का मनोबल बढ़ा है. यह जिले के सभी सफाई कर्मियों के लिए गर्व की बात है.

नींव के पत्थर हैं सफाईकर्मी : एसडीएमसंजय कुमार ने कहा कि गढ़वा ही नहीं बल्कि किसी भी शहर या रिहायशी क्षेत्र के लिए वहां के स्वच्छता कर्मी गुमनामी में रहते हुए प्रतिदिन अपना सश्रम योगदान देते हैं. उन्हें न अपने नाम या पहचान की अपेक्षा होती है और न ही किसी तारीफ की. लेकिन फिर भी वे उस महत्वपूर्ण काम को नियमित रूप से करते हैं जिसे सामान्यतः कोई अन्य नागरिक एक दिन भी ढंग से नहीं कर सकता है. इसलिए यहां के स्वच्छता कर्मी स्वच्छ गढ़वा और सुंदर गढ़वा की इमारत में नींव के पत्थर हैं. अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा सभी स्वच्छता क्रमियों के प्रति सम्मान एवं कृतज्ञता प्रकट करते हुए उनके योगदान की सराहना की गयी. साथ ही सभी को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया.

मौके पर ये थे मौजूद : इस दौरान रामानुज प्रसाद, विजयपाल, मदन कुमार, अमित कुमार, जितेंद्र राम, अजय कुमार, पवन कुमार, अमन कुमार, करण राम, जगन राम, बसंती देवी, फूला देवी, रूबी देवी, रानी देवी, चमेला देवी, रीता देवी, बिजली कुमारी, सोनू राम, सरयू राम, कमलेश प्रजापति, दीपक राम, बबलू राम, चंदन राम, मुन्ना कुमार, मीरा देवी, उर्मिला देवी, सुमित्रा देवी, नंदिनी, सोनवा देवी, शीला देवी, पूजा देवी, ज्योति कुमारी, मधु ममता, राजू व धीरज सहित कुल 75 स्वच्छता कर्मचारी मौजूद थे.

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