भंडरिया. स्वतंत्रता सेनानी शहीद नीलांबर-पीतांबर की शहादत दिवस के अवसर पर भंडरिया के आड़ा महुआ स्थित प्रतिमा स्थल पर शहादत दिवस मनाया गया. इस दौरान जनजातीय समाज की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के जीत सिंह खरवार, रामसेवक सिंह, छत्तीसगढ़ के पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह, ओड़िशा के सुखदेव सिंह, असम के नुरुल खरवार, गया के कपिल सिंह खरवार, भागलपुर के मिथलेश सिंह, रांची के डॉ शशिकांत सुमन व बैध बंधन सिंह ने प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. मुख्य अतिथि जीत सिंह खरवार ने कहा कि गुरिल्ला वार से अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले वीर योद्धा नीलांबर-पीतांबर की वीरता को युग युगांतर तक याद किया जायेगा. उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांति आजादी की बड़ी लड़ाई मानी जाती है. पूरे देश में कुछ ही महीनों में 1857 की लड़ाई कमजोर हो गयी थी, लेकिन पलामू के इलाके में 1859 तक नीलांबर-पीतांबर ने क्रांति को जिंदा रखा था. विशिष्ट अतिथि रामानुजगंज के पूर्व विधायक वृहस्पत सिंह ने कहा कि इनकी शहादत को देश कभी नही भूलेगा. उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांति में दोनों भाइयों नीलांबर-पीतांबर ने भोक्ता, चेरो और खरवार को एकजुट कर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई शुरू की गई थी. उसी तरह से समाज के उत्थान के लिए आज सबको एकजुट होने की जरूरत है. कार्यक्रम के दौरान अनुसूचित जनजाति लोक कला नृत्य मंडली ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालन शिक्षक कुंवर सिंह ने किया. मौके पर मुखिया विनय सिंह, रामवृक्ष सिंह, अंबिका सिंह, राजेश्वर ठाकुर, रामनाथ सिंह, जीतन सिंह, विनय जायसवाल व बिनोद गुप्ता सहित अन्य लोग उपस्थित थे. नीलांबर-पीतांबर के वंशज हुए सम्मानित : मौके पर भंडरिया प्रखंड कार्यालय में शहीद नीलांबर-पीतांबर के वंशज को सम्मानित किया गया. सीओ राकेश भूषण सिंह, बीडीओ अमित कुमार, प्रमुख रुक्मिणी कुमारी ने उन्हें शॉल देकर सम्मानित किया. इसके पूर्व प्रखंड कार्यालय में अधिकारी सहित कर्मियों ने नीलांबर-पीतांबर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रधांजलि दी.
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