कांडी. कांडी प्रखंड अंतर्गत सरकोनी पंचायत के मुखिया सुबोध कुमार वर्मा ने उपायुक्त से सतबहिनी झरना तीर्थ को ग्रेड-ए में अपग्रेड करने की मांग की है. मुखिया ने गुरुवार को एक प्रेसवार्ता कर कहा कि गत मंगलवार को उपायुक्त की अध्यक्षता में संपन्न पर्यटन संवर्द्धन समिति की बैठक में सतबहिनी झरना तीर्थ का जिक्र तक नहीं किया गया. जबकि उक्त बैठक में जिले के कई पर्यटक स्थलों को उनके स्तर के अनुरूप अपग्रेड किया गया. इसके साथ ही कई चयनित स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में स्वीकृति प्रदान करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया. लेकिन सिर्फ जिले ही नहीं, बल्कि राज्य स्तर पर चर्चित पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ का इसमें कोई स्थान नहीं दिया गया. मुखिया ने कहा कि पर्यटन संवर्द्धन समिति ने सतबहिनी झरना तीर्थ को भी अपग्रेड करना चाहिए था. श्री वर्मा ने कहा कि सतबहिनी झरना तीर्थ का विकास नागरिक प्रयास से किया गया है. यह पर्यटन स्थल पर्यटन के क्षेत्र में एक अनोखा स्थान रखता है. इस स्थल के विकास में वर्ष 2001 से 2017 तक करीब ढाई करोड़ रु खर्च कर इसे उत्कृष्ट पर्यटन स्थल का स्वरूप प्रदान किया गया है. कई आयोजनों पर होती है भारी भीड़ : सतबहिनी झरना तीर्थ में साल में पांच बार लगने वाला मेला चाहे छठ महापर्व हो, माघ पूर्णिमा से 11 दिनों तक चलनेवाला मानस महायज्ञ हो अथवा अन्य कई आयोजनों पर यहां काफी भीड़ होती है. इस धार्मिक पर्यटन स्थल पर पूजा अर्चना करने सालो भर पर्यटक आते रहते हैं. इस स्थल पर कार्यरत मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति, झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड की एक निबंधित इकाई है. इसलिए विशेष परिस्थिति में सतबहिनी झरना तीर्थ को भी अपग्रेड कर इसे ए श्रेणी का पर्यटन स्थल बनाने की जरूरत है.
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