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बेटे की शादी के लिए महिला समूह से लिया लोन, बैंक में जमा कराए पैसे, झारखंड में साइबर ठगों ने इस नए हथकंडे से लगाया चूना

Cyber Crime: गढ़वा जिले में आइरिस स्कैन कर गांव की एक महिला के खाते से साइबर ठगों ने 10 हजार रुपए उड़ा लिए हैं. वह बेटे की शादी के लिए महिला समूह से लोन लेकर बैंक में पैसे जमा की थी. पैसे की निकासी के लिए बैंक जाने पर महिला को ठगी का अहसास हुआ. वह बैंक और सरकार से साइबर ठगी के पैसे की वापसी के लिए गुहार लगा रही है.

Cyber Crime: रमकंडा (गढ़वा), मुकेश तिवारी-साइबर अपराध के लगातार नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं. अब तक लोग फिंगरप्रिंट ठगी से परेशान थे, लेकिन गढ़वा जिले के रमकंडा प्रखंड के बिराजपुर गांव में सामने आई घटना ने यह साबित कर दिया कि ठग अब आइरिस स्कैनिंग (आंख की पुतली की स्कैन तकनीक) का भी दुरुपयोग करने लगे हैं. गांव की एक महिला इसकी शिकार हुई है. वह बेटे की शादी के लिए लोन लेकर बैंक में पैसे जमा करायी थी. पहली बार इस तरह की वारदात से इलाके में चिंता, गुस्सा और दहशत है.

सरकारी योजना का झांसा देकर खाते से उड़ाए रुपए


गांव की 55 वर्षीय कालो देवी (स्वर्गीय जगनारायण सिंह की पत्नी) को ठग ने पीएम किसान योजना का लाभ दिलाने का लालच दिया. महिला ने बताया कि शुक्रवार की दोपहर गांव में एक अनजान युवक आया और आधार कार्ड मांगा. उसने कहा कि कागजात अपडेट करने की प्रक्रिया में आइरिस स्कैन जरूरी है. उसने कालो देवी की आंख की स्कैनिंग की और आधार लौटाकर कहा कि 7 सितंबर को पंचायत भवन में कागजात लेकर पहुंचना. उस समय किसी को शक नहीं हुआ, लेकिन रविवार को जब कालो देवी बैंक से पैसे निकालने पहुंची, तब उसके खाते से 9,900 रुपए निकाल लिए जाने का खुलासा हुआ.

बेटे की शादी थी तय, खाते से रकम गायब


आंखों में आंसू भरकर कालो देवी ने बताया कि उसके बेटे की शादी तय हो चुकी है. शादी की तैयारी के लिए उसने स्वयं सहायता समूह से लोन लिया और उसे बैंक खाते में जमा किया था, लेकिन अचानक हुई इस ठगी ने उसके सारे अरमानों पर पानी फेर दिया. अब वह बैंक और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रही है.

ग्रामीणों में गुस्सा, कार्रवाई की मांग


गांव में इस घटना ने लोगों में आक्रोश है. ग्रामीणों का कहना है कि साइबर ठग आए दिन नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं और प्रशासन को ऐसे मामलों पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनानी चाहिए. लोगों ने मांग की है कि आरोपियों को जल्द पकड़कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई और इस तरीके से गांववालों को शिकार न बना सके.

क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट्स?


साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि आइरिस स्कैन और फिंगरप्रिंट जैसी बायोमेट्रिक सुविधाएं तो सुरक्षा के लिए बनाई गई हैं, लेकिन जागरूकता की कमी और तकनीक के गलत इस्तेमाल से अब यही सुविधाएं लोगों के लिए खतरा बन रही हैं.

जागरूकता ही है समाधान

  • किसी भी अजनबी को आधार कार्ड या अन्य निजी दस्तावेज न दें.
  • यदि कोई आइरिस या अंगूठा स्कैन करने की कोशिश करे तो तुरंत विरोध करें.
  • संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें.
  • बैंक और सरकारी योजनाओं से जुड़े कार्य हमेशा अधिकृत संस्थान या सीएसपी केंद्र पर ही पूरा करें.
  • किसी भी संदिग्ध गतिविधि के मामले में तुरंत 1930 (साइबर हेल्पलाइन नंबर) या नजदीकी थाने से संपर्क करें.

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Guru Swarup Mishra
Guru Swarup Mishrahttps://www.prabhatkhabar.com/
मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

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