भवनाथपुर सेल प्रबंधन ने झारखंड सरकार के बिजली विभाग से कमर्शियल कनेक्शन हटाकर डोमेस्टिक कनेक्शन करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस कदम से टाउनशिप के आवासीय परिसर में अवैध रूप से रहने वाले लोगों के बीच हड़कंप मच गया है. जानकारी के अनुसार, भवनाथपुर में क्रशिंग प्लांट के संचालन के लिए सेल प्रबंधन ने करीब पांच दशक पहले, तब के एकीकृत बिहार (अब झारखंड) से कमर्शियल बिजली कनेक्शन लिया था. 1990 के दशक में प्लांट बंद हो जाने के बावजूद, आज तक सेल प्रबंधन कमर्शियल बिजली का भुगतान करता आ रहा था. इस दौरान टाउनशिप के आवासीय परिसर में रहने वाले वैध और अवैध, दोनों तरह के लोग निशुल्क बिजली का उपभोग करते रहे. प्लांट के बंद होने के बाद, 2014 में घाघरा बंद हुआ और 2020 में तुलसीदामर डोलोमाइट खदान भी बंद कर दी गयी. व्यवसायिक गतिविधियां समाप्त होने के बाद, सेल प्रबंधन ने झारखंड सरकार को घाघरा, सरैया और गुड़गांवा स्थित लगभग 1473 हेक्टेयर लीज भूमि सरेंडर कर दी. इस प्रक्रिया में आड़े आ रहे क्रशिंग प्लांट, बिजली नियंत्रण कक्ष और घाघरा स्थित गैराज को प्रबंधन ने नीलाम कर दिया. इसके बाद बिजली कनेक्शन बदलने की आवश्यकता सामने आयी, जिसके तहत 33 हजार वोल्ट का कमर्शियल कनेक्शन हटाकर 11 हजार वोल्ट का डोमेस्टिक कनेक्शन लिया जा रहा है. सेल प्रबंधन की योजना के अनुसार, केवल अधिकृत आवासों में रहने वाले सेल कर्मी, बैंक, डाकघर, सीआईएसएफ बैरक व आवास, डीएवी विद्यालय, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, अस्पताल और प्रशासनिक भवन को ही बिजली कनेक्शन मिलेगा. वर्तमान में सेल भवनाथपुर में केवल 14 कर्मचारी (11 कर्मी और 3 अधिकारी) तैनात हैं. सेल के पास लगभग 99 आवास हैं, जिनमें से करीब 200 आवास आवंटित हैं, जबकि शेष 700 आवासों पर अवैध कब्जा है. अवैध रूप से रहने वाले लोगों ने पूर्व विधायक भानु प्रताप शाही से मुलाकात कर समस्या के समाधान की गुहार लगायी है. उनका कहना है कि बिजली बंद होने पर बच्चों की पढ़ाई और परिवार का जीवन प्रभावित होगा. पूर्व विधायक ने बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता से बातचीत कर समाधान निकालने का आश्वासन दिया है.
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