गढ़वा.
मौसम पूर्वानुमान के अनुसार यह सप्ताह मौसम लगभग साफ रहेगा. अगले सप्ताह 27 अप्रैल से पुनः हल्के बादल छायेंगे. मौसम धुंधला होगा और कहीं-कहीं हल्की-फुल्की बारिश के साथ छिटपुट ओलावृष्टि भी हो सकती है. इसलिए किसान इससे पहले गेहूं की कटाई-झड़ाई कर अनाज को जल्द से जल्द घर के अंदर लाने की कोशिश करें. यह जानकारी कृषि वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार ने दी है. उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह तेज हवा के साथ कहीं-कहीं वर्षा हुई है. इस कारण रस चूसक कीट एवं फफूंद जनित रोगों का आक्रमण गर्मा सब्जियों एवं अन्य फसलों में बढ़ सकता है. रस चूसक कीट के आक्रमण से बैंगन, मिर्च, बोदी, टमाटर एवं पपीता में कोंकड़ी बीमारी लगती है एवं भिंडी और मूंग के पत्ते पीले होकर खराब होने लगते हैं. सब्जियों-फसलों में कीट प्रबंधन व समाधान : इनके समाधान के लिए फ्लोटिस या वर्टिसिलियम लेसेनी पांच मिलीलीटर या इमिडाक्लोप्रिड एक मिली लीटर प्रति लीटर पानी में घोलकर 10 दिन पर छिड़काव करें. कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि लत्तर वाली सब्जियां जैसे कद्दू, करैला व कोंहड़ा में फल मक्खी के प्रकोप से फल टेढ़े-मेढ़े हो जाते हैं. इसके प्रबंधन के लिए प्रति लीटर पानी में 10 ग्राम गुड़ या छोआ का घोल बनाकर उसमें दो मिली लीटर स्पाईनोसेड 45 एससी तरल मिलाकर छिड़काव करें.कैल्शियम की कमी से फल गिरते हैं : कद्दूवर्गीय सब्जियों में कैल्शियम की कमी के कारण छोटे-छोटे फल सूख कर गिर जाते हैं. इसके समाधान के लिए कैल्शियम क्लोराइड पांच ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर एक सप्ताह के अंतराल पर दो बार छिड़काव करें. भिंडी एवं बैंगन में धड़ और फल छेदक के प्रबंधन के लिए डेल्फिन या डाइपेल एक ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर एक सप्ताह के अंतराल पर छिड़काव करें. इनके छिड़काव से तीन दिन पहले नीमजनित दवा दो मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना लाभप्रद होता है.
आम की पत्तियों पर सल्फैक्स पाउडर का छिड़काव : आम के पत्तियों पर यदि सफेद चूर्ण दिखाई दे, तो सल्फैक्स पाउडर दो से तीन ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर एक सप्ताह के अंतराल पर दो छिड़काव करें. डॉ कुमार ने कहा कि आम में अब किसी कीटनाशक का छिड़काव करने की आवश्यकता नहीं है.गढ़वा का तापमान 42 डिग्री तक पहुंचागढ़वा जिले में सोमवार को अचानक मौसम में बदलाव देखने को मिला. मौसम पूरी तरह साफ हो गया तथा धूप तेज हो गयी. इसके साथ ही तापमान बढ़ गया. सोमवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. इस कारण दिन में घर से बाहर निकलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. दिन में लू चल रही थी. अचानक मौसम के करवट बदलने से सभी लोग परेशान हो गये. इसका असर जलस्तर पर पड़ रहा है. जल स्त्रोेत तेजी से सूखने लगे हैं. इससे आनेवाले दिनों में पानी का संकट झेलना पड़ सकता है.
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