गढ़वा.
राजकीयकृत प्लस टू उच्च विद्यालय भवनाथपुर में भगवान बिरसा मुंडा की 125 वीं पुण्यतिथि मनायी गयी. इसकी शुरुआत विद्यालय के प्राचार्य दिलीप कुमार उपाध्याय एवं शिक्षकों ने भगवान बिरसा मुंडा की तस्वीर की पूजा कर की. कार्यक्रम का संचालन कर रहे विद्यालय के वरीय शिक्षक डॉ आनंद कुमार ने कहा कि भगवान बिरसा के एक हाथ में लकड़ी और एक हाथ में तीर धनुष है जो यह बताता है कि अपने जंगल और जमीन की सुरक्षा अपनी जान पर खेल कर भी करेंगे. इनके बलिदान को सदैव याद रखना चाहिए. शिक्षक रणजीत बरनवाल ने कहा कि उनकी बदौलत ही अंग्रेज सरकार को झारखंड में मजबूरन छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम लागू करना पड़ा. शिक्षिका कुसुम कुमारी कुजूर व व्याख्याता सुशील कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये. कहा कि बिरसा मुंडा ने 19वीं शताब्दी के अंत में अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासी विद्रोह का नेतृत्व किया. उन्होंने जमींदारी प्रथा और राजस्व-व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी और आदिवासियों की जमीन और जंगल की रक्षा के लिए संघर्ष किया. उनका यह आंदोलन उलगुलान के नाम से जाना जाता है. उपस्थित लोग : कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य दिलीप कुमार उपाध्याय ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस अवसर पर प्रशांत कुमार तिवारी, अनय कुमार गुप्ता, उदित नारायण चौबे, रोहित कुमार सिंह, दीपक कुमार तिवारी, राकेश कुमार वर्मा, अनामिका हेरेंज, सिद्धार्थ कुमार, अरविंद कुमार व शिवानी कुमारी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है