छठ महापर्व पंचायत के लोगों के लिए बनता है एकता का प्रतीक प्रतिनिधिस, डंडई लोकआस्था के महापर्व छठ की बात हो और उसमें एकता, सद्भाव और सामाजिक समरसता की मिसाल न हो, ऐसा संभव नहीं. डंडई प्रखंड का लवाहीकलां पंचायत इस परंपरा का जीवंत उदाहरण है. यहां पूरे पंचायत के छठव्रती श्रद्धालु एक ही घाट पर एकत्र होकर भगवान सूर्य की उपासना करते हैं और समाज में एकता व भाईचारे का संदेश देते हैं. प्रखंड मुख्यालय से लगभग तीन किलोमीटर दक्षिण दिशा में स्थित लवाहीकलां पंचायत में एक विशाल तालाब है, जो वर्षों से पूरे पंचायत के श्रद्धालुओं के सामूहिक आस्था का केंद्र बना हुआ है. पंचायत के दो गांव लवाहीकलां और लवाही खुर्द के लोग इसी तालाब पर एक साथ पहुंचकर छठ का पर्व श्रद्धा, उल्लास और सामूहिकता के साथ मनाते हैं. यह दृश्य पूरे क्षेत्र में लोकआस्था और सामाजिक एकजुटता का अद्भुत उदाहरण पेश करता है. ग्रामीण धर्मेंद्र ठाकुर , दीपक प्रसाद गुप्ता, रमेश साव, देवकी प्रजापति, गोरेलाल साव, चंदन प्रजापति और जितेंद्र वर्मा ने संयुक्त रूप से बताया कि छठ पर्व की तैयारी पंचायत स्तर पर सामूहिक रूप से की जाती है. युवाओं की मंडली, समाजसेवी, पंचायत प्रतिनिधि और गणमान्य लोग मिलकर छठ घाट की सफाई, साज-सज्जा और सुविधा प्रबंधन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. भगवान भास्कर की प्रतिमा की जाती है स्थापित हर वर्ष छठ घाट पर भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित की जाती है. साथ ही व्रतियों और श्रद्धालुओं के लिए टेंट, लाइटिंग, साउंड सिस्टम और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती हैं. पर्व के दिन घाट क्षेत्र पूरी तरह रोशनी से जगमगा उठता है, जो पूरे वातावरण को आस्था और सौंदर्य से भर देता है. लवाहीकलां पंचायत का यह सामूहिक आयोजन न केवल छठ महापर्व की गरिमा को बढ़ाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जब समाज एक साथ मिलकर श्रद्धा के साथ कार्य करता है, तो आस्था और एकता दोनों की शक्ति और भी प्रबल हो जाती है.
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