लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने कहा आरोप साबित नहीं प्रतिनिधि, गढ़वा अनुमंडलीय न्यायालय नगर उंटारी में जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम संजय कुमार सिंह की अदालत ने एससी/एसटी केस में अहम फैसला सुनाते हुए आरोपी महेंद्र राम चंद्रवंशी को सभी आरोपों से निर्दोष करार दिया है. लंबी सुनवाई, गवाहों की जिरह और साक्ष्यों पर विचार के बाद न्यायालय ने कहा कि आरोपों को साबित करने के लिए आवश्यक प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए जा सके. मामला धुरकी थाना क्षेत्र के ग्राम धोबनी निवासी महेंद्र कुमार (पिता रामप्रीत कोरवा) द्वारा दायर शिकायत से शुरू हुआ था. उन्होंने ग्राम कुंबा कलां निवासी महेंद्र राम चंद्रवंशी एवं उनके चार पुत्रों पर भूमि विवाद को लेकर जातिसूचक गाली देने, अपमानित करने तथा शिकायतकर्ता की जेब से 5000 रुपये निकाल लेने का आरोप लगाया था. शिकायत के आधार पर नौ अगस्त 2018 में केस दर्ज किया गया था. पुलिस अनुसंधान के बाद केवल महेंद्र राम चंद्रवंशी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया. 11 गवाहों की गवाही, पर प्रमाण नहीं मिले इस प्रकरण में कुल 11 गवाहों की गवाही हुई. गढ़वा में 9 गवाहों की गवाही दर्ज की गयी. अनुसंधानकर्ता डीसपी अजीत कुमार एवं प्रमोद कुमार केशरी की गवाही नगर उंटारी में हुई. सभी साक्ष्यों और बहस के बाद कोर्ट ने पाया कि आरोपों की पुष्टि के लिए प्रमाण पर्याप्त नहीं हैं. इसके आधार पर न्यायालय ने महेंद्र राम चंद्रवंशी को सभी आरोपों से बरी कर दिया. पक्षकारों की दलीलें आरोपी की ओर से अधिवक्ता अशोक कुमार तिवारी ने पैरवी की, जबकि शिकायतकर्ता की ओर से सहायक लोक अभियोजक उपस्थित रहे. रिहा होने के बाद महेंद्र राम चंद्रवंशी ने बताया कि उनके पिता भागीरथी कहार को जमींदारी उन्मूलन से पूर्व पूर्व जमींदार राय बहादुर भैया रुद्र प्रताप देव (नगर उंटारी गढ़) द्वारा 1.75 एकड़ भूमि प्रदान की गयी थी. उन्होंने कहा कि इस भूमि का रिटर्न आज भी उनके पिता के नाम दर्ज है और वर्षों से उसी नाम से मालगुजारी रसीद कटती चली आ रही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

