काफी विद एसडीएम में क्षेत्र के गोताखोरों ने रखीं अपनी-अपनी समस्याएं प्रतिनिधि, गढ़वा सदर एसडीएम संजय कुमार ने नियमित साप्ताहिक कार्यक्रम कॉफी विद एसडीएम में बुधवार को क्षेत्र के गोताखोरों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के गोताखोरों की समस्याओं को सुना. साथ ही नदियों व जलाशयों में होने वाली आकस्मिक घटनाओं पर त्वरित बचाव कार्य, आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता तथा गोताखोरों के प्रशिक्षण से संबंधित विषयों पर चर्चा की गयी. एसडीएम के निमंत्रण पर इस संवाद कार्यक्रम में क्षेत्र के 26 जल-रक्षकों (गोताखोरों) ने हिस्सा लिया. एसडीएम ने कहा कि आपदाओं से निपटने के लिए कुशल जल रक्षकों की टीम जरूरी है. बारिश के मौसम में डूबने की घटनाओं में इजाफा होता है. ऐसे में गोताखोरों की भूमिका जीवनरक्षक के रूप में अत्यंत महत्त्वपूर्ण है. उन्होंने सभी गोताखोरों से खुद भी सतर्क रहने, बचाव के लिए सदैव तैयार रहने और जलाशयों में किसी आपदा की स्थिति में प्रशासन को तत्काल सूचना देने का आग्रह किया. एसडीएम ने गोताखोरों को जल रक्षक का विशेषण देते हुए उनकी चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं की सराहना की. बैठक में गोताखोरों ने अपने अनुभव साझा किये और बचाव कार्य को अधिक प्रभावी बनाने के लिए अपने अपने सुझाव भी दिये. बैठक के दौरान मुंशी चौधरी, धीरज कुमार सिंह, वीरेंद्र सिंह, सरदार प्रजापति, गोविंद चौधरी, रविंद्र चौधरी, शंभू चौधरी, अरविंद चौधरी, राम लखन चौधरी, गुड्डू चौधरी, जमीदार चौधरी, सिकंदर चौधरी, तज़्बुल अंसारी, सूरज चौधरी, करीमन चौधरी, नवल कुमार सिंह, धनंजय चौधरी, वीरेंद्र चौधरी, ओम प्रकाश चौधरी, सोनू चौधरी, राजेश चौधरी, दशरथ राम, कौशर अंसारी, जितेंद्र चौधरी, उदल चौधरी आदि गोताखोरों के अलावा मत्स्य विभाग के पर्यवेक्षक चंदेश्वर साहनी ने अपने विचार रखे. गोताखोरों ने कहा- संसाधनों का है अभाव कार्यक्रम के दौरान अधिकतर गोताखोरों ने कहा कि उनके पास गोताखोरी से संबंधित तकनीकी चीजों की कमी है. उन्होंने कहा कि कई बार उन्हें अच्छी गुणवत्ता की रस्सी और जाल भी नहीं मिल पाते. इस दौरान उन्होंने लाइफ जैकेट, ऑक्सीजन किट, आठ इंच का खानेदार जाल को उपलब्ध कराने सुझाव सरकार व जिला प्रशासन को दिया. प्राथमिक चिकित्सा से जुड़ी ट्रेनिंग मिलेसंवाद के दौरान गोताखोरों ने प्राथमिक चिकित्सा से जुड़ी ट्रेनिंग देने की मांग की. एसडीएम ने आश्वस्त किया कि जल्द ही स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर सभी गोताखोरों के लिए प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया जायेगा, जिसमें डूबे हुए व्यक्ति की जीवन रक्षा के लिए तात्कालिक मानवीय उपाय बताये जायेंगे. मानदेय के लिए विकल्प तलाशेंगे अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि क्षेत्र के अच्छे गोताखोरों की सूची मत्स्य विभाग के समन्वय से तैयार कराया जायेगा. उनमें से कुछ उत्कृष्ट गोताखोरों को मानदेय या पारिश्रमिक के आधार पर कैसे अनुमंडल स्तर की आपदा प्रबंधन टीम से जोड़ा जाए, इसपर भी जल्द ही कोई उपाय निकाला जायेगा. सोनू कुमार व करीमन चौधरी को किया पुरस्कृत पिछले दिनों कोयल नदी में अचानक बाढ़ आने के बाद टापू में फंसे एक दिव्यांग युवक को बचाने के लिए गोताखोर सोनू कुमार को एसडीएम ने पुरस्कृत किया. वहीं हाल ही में अन्नराज डैम में डूबे एक युवक का शव 30 फीट गहरे पानी से निकालने वाले गोताखोर करीमन चौधरी को को भी सम्मानित किया गया. गोताखोरों ने किया दर्द बयां कुछ गोताखोरों ने बताया कि वे विभिन्न जगहों पर रेस्क्यू करने के लिए जाते हैं. रेस्क्यू हो जाने के बाद कई बार उन्हें वापस लौटने के लिए न तो वाहन मिलता है और न ही आने जाने का किराया, जिसके कारण उनमें पहल करने की अभिरुचि खत्म होती जा रही है. जोन बनाकर कार्य आवंटन का सुझाव संवाद के दौरान सुझाव आया कि जिले भर के गोताखोरों का डेटाबेस बनाकर क्षेत्र को अलग-अलग जोन में विभाजित कर हर जोन में निकटवर्ती गोताखोरों को टैग किया जाये, ताकि किसी जलाशय, जल स्रोत या इलाके में कोई जल दुर्घटना होती है तो संबंधित पदाधिकारियों को पता चल सके कि इस क्षेत्र के लिए सक्रिय गोताखोर कौन है. गोताखोरों के नाम नंबर प्रचारित करने का निर्णय एसडीएम ने सभी गोताखोरों से अनुरोध किया कि यदि उनकी सहमति होगी, तो वे क्षेत्र भर के गोताखोरों के नंबर मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित किया जायेगा. इससे आपदा की स्थिति में स्थानीय लोग खुद भी कुशल गोताखोर की त्वरित सेवा ले सकेंगे. सभी को अंग-वस्त्र देकर सम्मान कार्यक्रम के अंत में एसडीएम संजय कुमार ने सभी जल रक्षकों (गोताखोरों) की आपदा प्रबंधन में उपयोगिता व महत्व को रेखांकित करते हुए उनसे जीवन रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहने का अनुरोध किया व सम्मान स्वरूप सभी को अंग वस्त्र प्रदान किया गया.
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