रंका(गढ़वा) : पांच दिन पूर्व आये भीषण तूफान ने रमकंडा प्रखंड में भारी तबाही मचायी थी़ इससे प्रखंड के सिसवा व गोरयाकरम आदिम जनजाति बहुल दर्जनों लोगों का घर पूरी तरह से बरबाद हो गया था, लेकिन प्रशासन अबतक प्रभावितों की सुध लेने नहीं पहुंचा.
कई परिवार दूसरे के घरों में शरण लिये हुए है. उन्हें उम्मीद है कि सरकार अथवा जिला प्रशासन उनकी मदद जरूर करेगा़ समाचार के अनुसार 21 मई को आये भूकंप में सिसवा गांव निवासी मंगरू लोहरा व गोरयाकरम गांव के बैजनाथ भुईंहर का घर ध्वस्त हो जाने से वे दूसरे के घरों में शरण लिये हुए हैं. मंगरू लोहरा लकवा पीड़ित बीमार व्यक्ति है और पांच पुत्री सहित उसके सात संतान हैं. किसी तरह वह अपने परिवार का भरण-भोषण करता है, लेकिन अब उसके सिर पर घर की छत भी नहीं रही.
सर्वे कराया जा रहा है: बीडीओ: इस संबंध में पूछे जाने पर बीडीओ दयानंद प्रसाद जायसवाल ने कहा कि क्षतिग्रस्त घरों का सर्वे कराया जा रहा है़ सर्वे के बाद क्षति का आकलन कर आपदा प्रबंधन के तहत सहायता की जायेगी. सर्वे का रिपोर्ट जिला को भेज दिया गया है़
इनके घरों को हुआ है नुकसान
तूफान से जिन्हें नुकसान हुआ है, उनमें सिसवा गांव के फिरंगी परहिया, देवकरण परहिया, कईल परहिया, जगत परहिया,सकेंद्र परहिया, चैतु परहिया, किस्मत परहिया, राजबली परहिया, सत्यनारायण परहिया, राजकेश्वर परहिया, शिव कुमार परहिया, लालो कोरवा, शंकर परहिया, शिवलाल परहिया तथा गोरयाकरम गांव के विश्वनाथ परहिया, बीरबल परहिया, गुलेटन परहिया, राजाराम परहिया, सुकन परहिया, बिफल परिहया आदि का नाम शामिल है़