उन्होंने कहा कि प्रेमचंद ने कहा था कि इस मुल्क को फौज से भी अधिक जरूरत तालीम की है. शिक्षा मानव का शृंगार है. उन्होंने कहा कि गरीब अपने बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं, यदि इसके बाद भी वे बच्चों को विद्यालय नहीं भेज रहे हैं, तो कहीं न कहीं उनकी मजबूरी है. आज शिक्षा का व्यवसायीकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लोग यदि प्रेमचंद की आहूति पढ़े होते, तो कहीं दंगा नहीं होता. संस्कृति का कोई धर्म नहीं होता है. उन्होंने कहा कि प्रेमचंद चाहते थे कि स्वराज किसानों मजदूरों व कास्तकारों का हो. लोक संस्कृति मंच के अध्यक्ष कृष्णा रागी ने कहा कि संस्कृति मनुष्य का चरित्र व न्याय है. सहयोग, सद्भाव, दया व करुणा है. सामाजिक बदलाव के लिए वैचारिक बदलाव आवश्यक है. उन्होंने कहा कि संस्कृति को संभाल कर रखने की जरूरत है. उन्होंने उपस्थित लोगों से प्रेमचंद के साहित्य का अध्ययन करने का आग्रह किया. कार्यक्रम को सीताराम जायसवाल, नीरज सिंह, हास्य कलाकार जयप्रकाश रमण सहित अन्य ने संबोधित किया.
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मानव की शृंगार है शिक्षा : कन्हाई
बंशीधर नगर: प्लस टू उच्च विद्यालय के सभागार में रविवार को लोक संस्कृति मंच के तत्वावधान में महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद जयंती सह पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ हो जाओ तैयार साथियों हो जाओ तैयार सामूहिक गीत के साथ किया गया. समारोह को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय शिक्षा बचाओ […]
बंशीधर नगर: प्लस टू उच्च विद्यालय के सभागार में रविवार को लोक संस्कृति मंच के तत्वावधान में महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद जयंती सह पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ हो जाओ तैयार साथियों हो जाओ तैयार सामूहिक गीत के साथ किया गया. समारोह को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय शिक्षा बचाओ समिति के कन्हाई बारीक ने कहा कि खून का आखिरी कतरा जो वतन की हिफाजत में गिरे, वह सबसे अनमोल रत्न है.
आज समाज को बदलने के लिए एक नहीं हजार प्रेमचंद की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार स्कूल कॉलेजों के किताब से प्रेमचंद को हटाने का प्रयास कर रही है. लेकिन प्रेमचंद को मिटाना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर आज हमारे नेता प्रेमचंद के साहित्य पढ़े होते, तो किसानों को आत्महत्या नहीं करनी पड़ती और न गाय के नाम पर लोगों को कत्ल किया जाता. गाय किसानों की शान है.
सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ आयोजित
लोक संस्कृति मंच द्वारा आयोजित मुंशी प्रेमचंद जयंती सह पुरस्कार वितरण समारोह में महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद साहित्य पर आधारित कफन व ईदगाह का मंचन हास्य कलाकार जयप्रकाश रमण के निर्देशन में बाल कलाकारों ने प्रस्तुत किया. समारोह में उपस्थित लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साहवर्द्धन किया. छात्राअों ने गीत गा रहे हैं आज हम सामूहिक रूप से प्रस्तुत किया. प्रियांशु कुमारी ने – ऐ मेरे वतन के लोगों गीत प्रस्तुुत कर लोगों को
मंत्रमुग्ध कर दिया.
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