जादूगोड़ा. रिटेंडर प्रक्रिया में अनावश्यक देरी के कारण यूसिल के अधीन विभिन्न क्षेत्र पर कार्यरत ठेका मजदूर पिछले तीन-चार माह से बेरोजगार हैं. इस समस्या को लेकर झारखंड ठेका मजदूर यूनियन के बैनर तले मजदूर बीते 4 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. यूनियन की मांग है कि वर्तमान टेंडर अवधि को बढ़ाकर पांच वर्षों का किया जाये. फिलहाल, टेंडर की न्यूनतम अवधि 1 वर्ष और अधिकतम 2 वर्ष निर्धारित है. पहले के वर्षों में रिटेंडर प्रक्रिया अधिकतम 15 दिनों में पूरी कर दी जाती थी, लेकिन अब यही प्रक्रिया महीनों तक खींची जा रही है, जिससे मजदूरों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.
नरवा माइंस गेट पर मजदूरों की सभा
वर्तमान में आठ साइट पर रिटेंडर नहीं होने के कारण कार्य पूरी तरह ठप है. हरतोपा, मुर्गाघुटु, राजदोहा, पत्थर चकरी व माइस जैसे विस्थापित गांवों के 130 मजदूर बेरोजगार हो गये हैं. वहीं, बुधवार को नरवा माइंस गेट पर मजदूरों की सभा हुई, जिसमें यूनियन पदाधिकारियों ने 5 अगस्त को हुई बैठक की जानकारी साझा की.
पांच अगस्त की बैठक में नहीं पहुंचे थे सीएमडी
बीते 5 अगस्त को सहायक श्रमायुक्त (केंद्रीय) चाईबासा कार्यालय में त्रिपक्षीय वार्ता हुई थी. यूनियन ने मांग रखी कि बैठक में सीएमडी की उपस्थिति होनी चाहिए, लेकिन डीजीएम मनोरंजन महाली और एडिशनल मैनेजर स्टेनली हेंब्रम ने सीएमडी के प्रतिनिधि के रूप में पत्र दिखाते हुए वार्ता में भाग लिया. वार्ता में यूनियन ने पांच वर्ष की टेंडर अवधि को लेकर अपनी बात रखी, लेकिन समाधान नहीं निकला. एएलसी ने आश्वासन दिया कि जल्द ही अगली बैठक की तिथि तय कर समस्या का समाधान निकाला जाएगा.मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी
इधर, यूनियन ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, हड़ताल जारी रहेगी. मौके पर यूनियन अध्यक्ष सुधीर सोरेन, उपाध्यक्ष बालिया मुर्मू, महासचिव विद्यासागर दास, विशु बासके, फुलाई मारडी, सुनील हांसदा, जोगन टुडू, वीरेंद्र सरदार, बबलू मारडी, भैरव दास, रवि कर्मकार, गोपी माझी समेत बड़ी संख्या में मजदूर उपस्थित रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

