घाटशिला.
सांसद विद्युत वरण महतो के नेतृत्व में ताम्र मजदूरों और पंचायत प्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को नयी दिल्ली में केंद्रीय कोयला व खान मंत्री किशन रेड्डी से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने मऊभंडार स्थित एचसीएल की यूनिट आइसीसी व क्षेत्र की अन्य माइंस को लेकर मांग पत्र सौंपा. मजदूर नेताओं ने बताया कि दिसंबर, 2019 से मऊभंडार का स्मेल्टर प्लांट बंद है. हजारों मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं. क्षेत्र के व्यापार पर बुरा असर पड़ा है. यह आदिवासी बहुल इलाका एचसीएल-आइसीसी पर निर्भर है, इसलिए प्लांट को पुनः चालू करना जरूरी है.मुसाबनी से उत्पादित अयस्क का लाभ स्थानीय को मिले
सांसद ने कहा कि मुसाबनी ग्रुप ऑफ माइंस से उत्पादित होने वाले अयस्क का लाभ स्थानीय लोगों को मिलना चाहिए. उन्होंने मऊभंडार प्लांट को चालू करने के साथ-साथ भारत को कॉपर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुसाबनी प्रखंड के किशनगढ़िया, पाथरगोड़ा और धोबनी माइंस को भी चालू करने पर जोर दिया.
मंत्री ने अपने सचिव को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिये
मंत्री ने सांसद की मांग पर अपने सचिव को जरूरी कदम उठाने और जल्द सूचित करने का निर्देश दिया. राखा माइंस को पर्यावरण स्वीकृति मिल चुकी है. अन्य बंद खदानों को खोलने की प्रक्रिया शुरू होगी. केंद्रीय खान मंत्री ने मऊभंडार प्लांट से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने और सकारात्मक पहल करने का आश्वासन दिया. प्रतिनिधिमंडल में सांसद प्रतिनिधि दिनेश साव, घाटशिला कॉपर मजदूर संघ अध्यक्ष हरेश्वर सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष सच्चिदानंद त्रिपाठी और मुनिब शर्मा भी शामिल थे.
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