चाकुलिया. चाकुिलया प्रखंड के गोहालडांगरा उउवि की शुरुआत वर्ष 2014-15 में हुई. स्कूल में 12 कमरे का दो मंजिला भवन 10 वर्षों बाद भी अधूरा है. कमरों की कमी से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. बच्चों की संख्या अधिक होने के कारण स्कूल परिसर में टिन के अस्थायी शेड में कक्षा चल रही है. बच्चे गर्मी में तेज धूप, सर्दी में ठंडी हवा और बरसात में बारिश की बूंदों का सामना कर रहे हैं. शिक्षा विभाग न नये भवन का निर्माण करवा रहा है, अधूरे भवन को पूरा कर रहा है. स्कूल में पहली से दसवीं कक्षा तक कुल 250 विद्यार्थी हैं. स्कूल के पुराने भवन की आंशिक मरम्मत की गयी है. बार-बार शिकायत और पत्राचार के बावजूद समस्या बरकरार है. तत्कालीन उपायुक्त के जनता दरबार में भी शिकायत की गयी थी, पर समाधान नहीं हुआ.
रसोई की छत से टपकता है पानी:
स्कूल के रसोई की हालत खराब है. माता समिति के सदस्यों ने बताया कि रसोई की छत कमजोर हो चुकी है. बारिश होने पर पानी टपकता है. कई बार जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी गयी. अब तक नये रसोई घर के निर्माण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.तीन कमरों में पहली से 10वीं तक की पढ़ाई
प्रधानाचार्य मिर्जा टुडू के अनुसार, स्कूल में केवल तीन कमरे हैं. इनमें पहली से दसवीं कक्षा के 250 बच्चों की पढ़ाई होती है. विद्यालय का भवन पूरी तरह से जर्जर है. स्कूल परिसर में विशाल भवन का निर्माण जारी है, लेकिन 10 वर्षों से अधूरा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

