पोटका. पोटका के हाता निवासी 23 वर्षीय सूरज कर की मौत सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि हत्या हुई है. सूरज के पिता विनोद कर और मां संगीता कर ने शनिवार को अपने घर पर प्रेसवार्ता कर यह जानकारी दी. परिवार ने बताया कि 15 सितंबर को उन्हें सूचना मिली थी कि उनका बेटा स्कूटी से घर लौटते समय सुंदरनगर थाना क्षेत्र के कालियाबेड़ा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. उसे तुरंत टीएमएच ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान स्थिति गंभीर रहने पर सूरज को ओडिशा के कटक स्थित अश्विनी अस्पताल में भर्ती कराया गया. 21 सितंबर को सूरज की मृत्यु हो गयी. परिवार के अनुसार, सूरज के शरीर पर बाहरी चोट या कपड़ों पर कोई खरोंच नहीं थी. स्कूटी भी पूरी तरह ठीक थी. चिकित्सकों ने सिर और पसलियों में गंभीर चोटें पायीं, जो मारपीट से लगी प्रतीत होती है. इससे परिवार को संदेह है कि सूरज की हत्या कर शव को सड़क किनारे फेंककर इसे दुर्घटना का रूप दिया गया. विनोद कर ने बताया कि उन्होंने एसएसपी और सुंदरनगर थाना प्रभारी को लिखित शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने मामले को केवल सड़क दुर्घटना मानकर जांच बंद कर दी. परिवार का आरोप है कि अब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं दी गयी है. उन्होंने प्रशासन से निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों को कठोर सजा दिलाने की मांग की है.
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