गालूडीह.
बिरहीगोड़ा के मूर्तिकार अजीत भकत भगवान विश्वकर्मा और मां मनसा की मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि महंगाई से पुआल, सुतली, चिकनी मिट्टी, कांटी और बांस जैसी सामग्री के दाम बढ़ गये हैं, जिससे मूर्ति बनाने का खर्च बढ़ गया है. लेकिन आमदनी समानुपातिक नहीं है. इस बार वे 50 से अधिक मूर्तियां बना रहे हैं, जिनमें से कुछ का रंग-रोगन का काम भी शुरू हो चुका है. मूर्तिकार ने बताया कि महंगाई के बावजूद एक- दो हजार रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक की मूर्तियां बना रहे हैं. पूजा के नजदीक आते ही ग्राहक एडवांस बुकिंग के लिए आने लगे हैं. अबतक लगभग 10-12 मूर्तियों की एडवांस बुकिंग हो चुकी है. वे पुरानी परंपराओं को जारी रखते हुए काम कर रहे हैं, पर लागत और मेहनत के अनुसार मुनाफा नहीं हो पाता. कभी-कभी मूर्ति बनने के बाद भी बिक नहीं पाती, जिससे नुकसान उठाना पड़ता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

