घाटशिला.
केंद्र सरकार की ओर से 29 पुराने श्रम कानूनों को समाप्त कर चार लेबर कोड लागू किये जाने के खिलाफ बुधवार को मऊभंडार एचसीएल कारखाना मुख्य द्वार के समीप श्रमिक संगठनों ने संयुक्त रूप से जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. आइसीसी वर्कर्स यूनियन (एटक), जेएमएम, झारखंड कॉपर मजदूर यूनियन, मऊभंडार मजदूर यूनियन और इंटक यूनियन से जुड़े बड़ी संख्या में स्थायी व ठेका मजदूर इस विरोध में शामिल हुए. सभा को संबोधित करते हुए आइसीसी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष बीएन सिंहदेव, महासचिव ओमप्रकाश सिंह, सीपीआइ नेता भुवनेश्वर तिवारी, संतोष दास, झारखंड कॉपर मजदूर यूनियन के महासचिव देवी प्रसाद मुखर्जी और मऊभंडार मजदूर यूनियन के महासचिव सनत काल्टू चक्रवर्ती ने केंद्र सरकार के इस कदम को मजदूरों पर बड़ा हमला करार दिया. वक्ताओं ने कहा कि नए लेबर कोड उद्योगपतियों और कॉर्पोरेट घरानों के हित में बनाए गये हैं. 12 घंटे कार्यदिवस, 300 से कम कर्मचारियों वाली इकाइयों को बिना अनुमति बंद करने का अधिकार, हड़ताल से पहले अनिवार्य अनुमति जैसे प्रावधान मजदूरों की सुरक्षा, आजीविका और लोकतांत्रिक अधिकारों को कमजोर करते हैं. नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इन काले कानूनों को वापस नहीं लिया तो बड़ा मजदूर आंदोलन खड़ा होगा. ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि जिस तरह किसान आंदोलन ने कृषि कानून वापस करवाए थे, उसी तरह मजदूर आंदोलन भी अपनी एकजुटता से इन लेबर कोड को रद्द कराएगा. उन्होंने कहा कि नये प्रावधानों से कंपनियों की मनमानी बढ़ेगी. बड़े पैमाने पर छंटनी का डर है तथा कारखाना बंदी का खतरा भी बढ़ सकता है. सभा में मजदूरों ने केंद्र सरकार के खिलाफ तीखी नारेबाजी की. कार्यक्रम के अंत में श्रमिकों ने चारों लेबर कोड की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया और आगे भी चरणबद्ध आंदोलन जारी रखने की घोषणा की. मौके पर जयंत उपाध्याय, एनके राय, जितेंद्र धारीवाल समेत विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

