Cannes Film Festival: फ्रांस में हो रहे मशहूर कांस फिल्म फेस्टिवल में संथाली फिल्म “सुंडी: रॉबिन हुड ऑफ संताल्स” का पोस्टर लॉन्च किया गया. वैश्विक मंच पर झारखंडी फिल्म को पहचान मिलना राज्य वासियों के लिए गर्व की बात है. जानकारी के अनुसार, पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूमगढ़ क्षेत्र के सुंडीसोल गांव के रहने वाले कृष्णा सोरेन ने कांस फिल्म फेस्टिवल में अपनी संथाली और हिंदी भाषा में बनने वाली फीचर फिल्म ‘सुंडीः रॉबिन हुड ऑफ संताल्स’ के पोस्टर का लोकार्पण किया. कृष्णा ने बताया कि यह फिल्म पूर्वी सिंहभूम की जिले की एक सच्ची कहानी पर आधारित है. इसका निर्माण कार्य जल्द ही शुरु किया जायेगा. फिल्म की शूटिंग पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला, धालभूमगढ़, सोनाखून और जमशेदपुर से सटे आसपास की जगहों पर होगी.
सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म
बता दें कि फ्रांस में 13 मई से 24 मई तक 78वें वार्षिक कांस फिल्म महोत्सव का आयोजन किया गया है. इसी बीच 18 मई को संथाली फिल्म ‘सुंडीः रॉबिन हुड ऑफ संताल्स’ का पोस्टर लॉन्च किया गया. फिल्म को लेकर निर्माता कृष्णा सोरेन ने कहा कि वे संतालों की सच्ची घटना पर आधारित किसी कहानी की तलाश कर रहे थे. उनकी यह खोज इस फिल्म के साथ पूरी हुई. फिल्म एक सुंडी नाम के युवक पर बेस्ड है, जो अन्याय और अत्याचार के खिलाफ अकेले खड़ा होता है. वह गरीब और असहायों के लिए हर तरह से मदद करता है. पूरी फिल्म साहस, समुदाय और बलिदान पर आधारित है.
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कृष्णा ने FTII से की है पढ़ाई
बताया गया कि फिल्म के निर्माता कृष्णा सोरेन ने पुणे स्थित एफटीआइआइ से पढ़ाई की है. वह साल 2009 से मुंबई में रहकर फिल्म निर्माण से जुड़े. कृष्णा ने कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है. अब वे झारखंड की माटी की सच्ची कहानियों पर फिल्म बनाकर देश व दुनिया को दिखाना चाहते हैं. मालूम हो कि ‘सुंडीः रॉबिन हुड ऑफ संताल्स’ की कहानी कृष्णा सोरेन और रवि राज मुर्मू ने मिलकर लिखी है. कृष्णा सोरेन इस फिल्म का निर्देशन भी करेंगे और रवि राज मुर्मू सह-निर्देशक की भूमिका में होंगे. इस प्रोजेक्ट को तीन प्रोडक्शन हाउस, दलमा मोशन पिक्चर्स प्रालि, सफेद हाथी मोशन पिक्चर्स और सावंता स्टूडियो एलएलपी स्पॉन्सर कर रहे हैं.
झारखंड सरकार फिल्म निर्माण को बढ़ावा दे
फिल्म के निर्माता कृष्णा सोरेन ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा फिल्म निर्माण को बढ़ावा देना चाहिए. सरकार को संथाली समेत अन्य सभी जनजातीय भाषाओं में बनने वाली फिल्मों का वित्तीय समर्थन भी करना चाहिए, क्योंकि झारखंड फिल्म निर्माण के लिए एक बेहतरीन स्थान है. यहां के प्राकृतिक सौंदर्य, ऊंचे पहाड़, खूबसूरत झरने, मनमोहक वादियां, आकर्षक नदियां और अन्य दर्शनीय स्थल फिल्म की शूटिंग के लिए बेहतरीन लोकेशन्स हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड में भी बॉलीवुड की तरह बड़ी बजट की फिल्म बननी चाहिए.
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