गालूडीह.
दारीसाई कृषि विज्ञान केंद्र में शुक्रवार को विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस मनाया गया. इसमें कुल 56 किसान समेत प्रसार कार्यकर्ता शामिल हुए. कार्यक्रम का थीम स्वस्थ मिट्टी-स्वस्थ शहर था. कृषि वैज्ञानिक डॉ सीमा सिंह ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को मिट्टी के महत्व व मिट्टी को सुरक्षित रखने का संदेश देना था. वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ जयंत कुमार लाल ने कहा कि यदि हमारी मिट्टी स्वस्थ है, तो गांव और शहर दोनों का भविष्य सुरक्षित है. वर्तमान समय मेंशहरीकरणीमा, कंक्रीट, सीमेंट और औद्योगिक गतिविधियां मिट्टी को प्रभावित कर रही हैं. डॉ. सीमा सिंह ने कहा कि पेड़-पौधे, पशु और पर्यावरण सभी का अस्तित्व स्वस्थ मिट्टी पर निर्भर हैं. अत्यधिक रासायनिक खादों का प्रयोग, प्रदूषण, अनियंत्रित वनों की कटाई मिट्टी की उर्वरता को तेजी से प्रभावित कर रहे हैं. यदि संरक्षण पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले समय में खाद्यान्न उत्पादन पर संकट गहराता जायेगा.58 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर : गीता कुमारी
आत्मा की गीता कुमारी ने कहा कि देश की लगभग 58 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है. यदि मिट्टी की सेहत बिगड़ती है, तो करोड़ों लोगों की आजीविका प्रभावित होती है.कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण : राकेश मिश्रा
टाटा स्टील फाउंडेशन के राकेश कुमार मिश्रा ने कहा कि समाज का हर वर्ग किसान, छात्र, नागरिक और नीति-निर्माता है. सभी वर्ग यदि छोटे-छोटे कदम उठाये तो मिट्टी को बचाया जा सकता है. कृषि विज्ञान केंद्र पूर्वी सिंहभूम में किसानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. मौके पर विद्या कुशवाहा, मनोरमा संदीप सरदार, कुष्नु टुडू आदि उपस्थित थे.
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