चाकुलिया. चाकुलिया रासमंच परिसर में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन शनिवार को कथावाचक आरती किशोरी ने भक्तिमय प्रसंगों का वर्णन किया. उन्होंने ध्रुव चरित्र, जड़ भरत, प्रह्लाद कथा, गजेंद्र मोक्ष व वामन अवतार की कथा सुनायी. आरती किशोरी ने कहा कि भगवान का नाम लेने मात्र से व्यक्ति जीवन सागर से पार उतर सकता है. उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत गीता वेद रूपी कल्पवृक्ष है. इससे जो मांगा जाये, वह प्राप्त होता है. कथा श्रवण को अत्यंत पुण्यकारी बताते हुए कहा कि ग्रंथ में तीन बार मंगलाचरण हुआ है. जो प्रथम दिन नहीं सुन पाए, वे मध्य में सुनें, और जो मध्य में नहीं सुन पाए, वे अंत में अवश्य सुनें. कथा में राजा दक्ष और भगवान शंकर का प्रसंग सुनाया गया. उन्होंने कहा कि व्यक्ति को पद प्राप्त होने पर अभिमान नहीं करना चाहिये. इसके अलावा भक्त प्रह्लाद की भक्ति और उन्हें बचाने के लिए भगवान नरसिंह अवतार का वर्णन किया गया.
शिव-पार्वती विवाह की झांकी सजी
कथा के दौरान भगवान भोलेनाथ के विवाह की झांकी सजायी गयी, जिसमें भूत-प्रेत और सांप आदि का पारंपरिक दृश्य प्रस्तुत हुआ. भक्तों ने भक्ति गीत गाकर माहौल को और भी आनंदमय बना दिया. कार्यक्रम में पतित पावन दास, दिलीप कुमार दास (लिली), बिपलब दास, रंजीत दास (छोटा), लक्ष्मी नारायण दास, चंद्रदेव महतो, गिरधारी महतो, पशुपति बेरा, देवदास पांडा, रंजीत दास, तारकनाथ दास (भोला), कृष्ण चंद्र बेरा सहित कई श्रद्धालु उपस्थित रहे.
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