घाटशिला. मऊभंडार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआइ) शाखा से 30 लाख रुपये का फर्जी लोन लेने के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गिरोह के मास्टरमाइंड विश्वदीप होता (45) को घाटशिला से गिरफ्तार कर लिया. विश्वदीप होता बंगाल के झाड़ग्राम के रघुनाथपुर का रहने वाला है. मऊभंडार ओपी प्रभारी पंकज कुमार को सूचना मिली कि रविवार को विश्वदीप घाटशिला में मौजूद है. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए धर दबोचा और पूछताछ के बाद रविवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. मऊभंडार ओपी प्रभारी पंकज कुमार ने बताया कि आरोपी से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं. सिंडिकेट के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है. शीघ्र ही और गिरफ्तारी की जायेगी.
कई राज्यों में फैला था फर्जीवाड़ा
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी विश्वदीप होता लंबे समय से 5-6 लोगों के साथ मिलकर बैंकों से फर्जी लोन निकाल रहा था. गिरोह ने अब तक 5-6 करोड़ रुपये का फर्जी लोन विभिन्न शाखाओं से निकाल चुका था. आरोपी और उसके साथियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर कई बैंकों से लोन लिया. जब किस्त नहीं चुकाया तो बैंकों की जांच से पता चला कि यह तो फर्जीवाड़ा का खेल है. तब तक गिरोह फरार हो चुका था. 8 अप्रैल को एसबीआइ के शाखा प्रबंधक ने मऊभंडार ओपी में लिखित शिकायत की थी.मऊभंडार पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी. झाड़ग्राम भी गयी, पर गिरोह के लोग फरार हो गये.
पहले भी विवादों में रह चुका है आरोपी:
विश्वदीप होता पहले झाड़ग्राम में डाक विभाग (धुबरा पोस्ट ऑफिस) में कार्यरत था. उस दौरान भी उस पर करीब 1 लाख रुपये का सरकारी गबन और हेराफेरी का आरोप लगा था. इसके अलावा वह शिक्षक के रूप में भी कार्य कर चुका है. जानकारी के अनुसार, दो साल से लगातार वह फर्जी दस्तावेज बनाकर बैंकों से लोन निकालने का खेल करता रहा और फरारी काट रहा था.दर्जनों खाते खोलकर उठाया गया लोन
वर्ष 2024 के अक्तूबर में गिरोह के सदस्य सुब्रतो नायक ने मऊभंडार एसबीआइ शाखा से फर्जी दस्तावेज लगाकर 30 लाख रुपये का लोन लिया था. बंगाल की पिंगला पीएनबी शाखा से 11 खाता खोलकर करीब एक करोड़ रुपये का लोन फर्जी तरीके से लिया गया. वहीं खड़गपुर के पुरतन बाजार पीएनबी शाखा में तीन खाते खोलकर करीब 35-33 लाख रुपये का लोन उठाया गया.
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