गालूडीह. स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के लिए गालूडीह और धालभूमगढ़ के छह लोक कलाकार दिल्ली गये थे. उन्होंने पाता झुमूर प्रस्तुत किया. इनमें पांच महिला और एक पुरुष कलाकार शामिल रहे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन कलाकारों से मुलाकात की. पाता झुमूर की सराहना की. ये लोक कलाकार अपने गांव लौटे, तो उनका भव्य स्वागत किया गया. बुधवार की रात झारखंड मानभूम लोक संस्कृति संघ गराम धरम झूमर अखाड़ा ने सम्मान समारोह आयोजित कर कलाकारों को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर मनोरंजन महतो की पहल की सराहना करते हुए शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया, क्योंकि उनकी वजह से ही कलाकार दिल्ली पहुंच पाये.
झारखंड में भी लोक कलाकारों को मिले शिल्प भत्ता :
रुपेण गोपलोक कलाकार रूपेण गोप ने बताया कि दिल्ली में झारखंड की पाता झुमूर कला की खूब प्रशंसा हुई. पुरुलिया की छऊ पार्टी, ओडिशा के झूमर पार्टी, असम की बिहू पार्टी, वीरभूम की बाउल टीम और गराम धरम के पाता झुमूर का दल दिल्ली गया था. उन्होंने मांग रखी कि झारखंड में लोक कलाकारों को परिश्रमिक या शिल्प भत्ता नहीं मिलता, जबकि ओडिशा में 2000 रुपये और असम में 3000 रुपये भत्ता मिलता है.जोड़सा में करम नाच सितंबर या अक्तूबर में होगा
रुपेण गोप ने बताया कि 2019 की तरह इस साल भी उड़ियागोड़ा जोड़सा में सितंबर या अक्टूबर महीने में करम नाच धूमधाम से आयोजित किया जायेगा. मुखिया मंगल सिंह ने लोक कलाकारों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि वे हमेशा उनका साथ देंगे. कार्यक्रम में जोड़सा पंचायत के मुखिया मंगल सिंह और पूर्व वार्ड मेंबर दीपक महतो उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

