चाकुलिया की बर्डीकानपुर-कालापाथर पंचायत के कालापाथर गांव में मंगलवार की रात पांच हाथियों का झुंड पहुंचा. हाथियों ने किसानों के खेतों में धान की फसलों को बुरी तरह रौंद दिया. ग्रामीण वीर सिंह बागाल, संजय गोप, बंकिम गोप, भक्तु पातर, सुशेन गोप, विश्वनाथ गोप, अमला गोप और फुचुल गोप ने बताया कि शाम होते-होते हाथी गांव में घुस आए थे. खबर मिलते ही ग्रामीण मशाल और पटाखे लेकर उन्हें भगाने में जुट गये. रात करीब 12 बजे तक प्रयास के बाद झुंड को गांव से बाहर खदेड़ा गया. इस दौरान एक बड़ा हादसा टल गया. हाथियों का झुंड खेत के पास खुला कुआं के पास पहुंच गया था. हाथी उसमें गिरने से बाल-बाल बच गये. हाथियों के पांव के निशान अब भी कुएं के किनारे स्पष्ट दिखायी दे रहे हैं. गांव के लोगों ने बताया कि यही कुआं उनका मुख्य जलस्रोत है, क्योंकि गांव में न सोलर जलमीनार है, न चापाकल की व्यवस्था. कुएं की सुरक्षा बेहद जरूरी है. ग्रामीणों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि जल्द कुएं के चारों ओर घेरा बनाया जाये, ताकि भविष्य में किसी भी इंसान या पशु के लिए यह खतरा न बने.
चाकुलिया: कुआं का पानी पीने से बीमार पड़ रहे कालापाथर के लोग
चाकुलिया. चाकुलिया की बर्डीकानपुर-कलापाथर पंचायत अंतर्गत कालापाथर गांव के ग्रामीणों को आज भी साफ पेयजल उपलब्ध नहीं है. लोग खेतों के बीच बने पुराने कुएं से पानी लाकर उपयोग कर रहे हैं. इसमें वर्षा के दौरान खेतों का गंदा पानी मिल जाता है. इससे पानी प्रदूषित होकर बीमारियों का कारण बन रहा है. हाल में भालुकनाला गांव में दूषित पानी पीने से डायरिया फैला था. एक महिला की मौत भी हो चुकी है. इससे ग्रामीणों में भय है. ग्रामीण देवी पातर, जस्मिता पातर, कल्पना पातर, सारिका पातर, बासंती पातर और रेणु पातर ने बताया कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. गांव में एक भी सोलर जलमीनार नहीं है. इसके कारण लोग दूर-दराज से पानी लाने को विवश हैं. कुछ परिवार साइकिल पर बर्तन बांधकर उसी कुएं से पानी लाते हैं. ग्रामीणों की मांग है कि शीघ्र ही पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जाये, ताकि बीमारियों और असुविधाओं से छुटकारा मिल सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

