चाकुलिया.
सबरों के विकास को लेकर सरकार काफी गंभीर है. इसके बाद भी सरकारी पदाधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण आज भी कई सबर परिवार उपेक्षित हैं. राज्य गठन के 25 वर्ष बीत जाने के बाद भी चाकुलिया के जोबी गांव के सबर परिवार को आवास का लाभ नहीं मिला है. पूर्वी सिंहभूम जिला के चाकुलिया के सुदूरवर्ती पहाड़ी क्षेत्र और पश्चिम बंगाल की सीमा पर बसा जोभी गांव में सबरों की स्थिति अत्यंत दयनीय है. यहां सबरों के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. जिनका घर थोड़ा ठीक है उस घर में एक साथ तीन-तीन चार-चार सबर परिवार रह रहे हैं.पुटिया सबर दूसरे के घर में रहने को विवश
पुटिया सबर का घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है. घर की छत नहीं होने से रहने योग्य नहीं है. पुटिया सबर की पत्नी अपने दूधमुंहे बच्चे को लेकर दूसरे के घर में रह रही है. यही हाल चुनाराम सबर और सर्वेश्वर सबर की है. सर्वेश्वर का घर जंगल के बीच स्थित है. यहां तक पहुंचने के लिए झाड़ियों से होते हुए एकमात्र पैदल रास्ता है. जोभी के सबरों ने बताया कि लंबे समय से वे पदाधिकारी से घर की मांग करते आ रहे हैं, परंतु उन्हें घर नहीं मिल रहा है.
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