डुमरिया. डुमरिया प्रखंड की केंदुआ पंचायत स्थित उमवि बादलगोड़ा विभागीय उपेक्षा का शिकार है. यहां पहली से आठवीं तक पढ़ाई होती है. इनकी पढ़ाई के लिए मात्र चार कमरे हैं. इनमें से एक कमरे में स्कूल की किताबें व अन्य सामग्रियां रखी हैं. जीर्णोद्धार के अभाव में स्कूल भवन की स्थिति खराब हो रही है. खिड़कियां टूट रही हैं. पहली से आठवीं तक के बच्चों को तीन कमरे में बैठाकर पढ़ाना शिक्षकों की मजबूरी है. एक ही कमरे में कई कक्षा के बच्चों को एक साथ पढ़ाना पड़ता है. यहां नये स्कूल भवन की जरूरत है.
स्कूल में कुल 82 विद्यार्थी नामांकित
उमवि बादलगोड़ा में कुल 82 बच्चे नामांकित हैं. यहां चार सहायक शिक्षक (पारा) कार्यरत हैं. एक शिक्षक को दुबलाबेड़ा स्कूल में प्रतिनियुक्त किया गया है. अब यहां कुल तीन शिक्षक ही सेवा दे रहे हैं. तीन शिक्षकों के भरोसे पहली से आठवीं तक पढ़ाई जारी है. संसाधनों के अभाव के बावजूद शिक्षकों के प्रयास से यहां पठन-पाठन का स्तर अच्छा है. यहां के विद्यार्थी का चयन नवोदय के लिए भी हुआ है. इसके साथ अन्य सरकारी आवासीय विद्यालयों में भी बच्चों का चयन होता रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

