मुसाबनी. एचसीएल (हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड) की बंद पड़ी राखा व केंदाडीह खदान को पर्यावरण स्वीकृति के प्रथम चरण के प्रस्ताव को केंद्रीय वन मंत्रालय कमेटी ने पारित कर दिया है. राखा कॉपर माइंस व केंदाडीह माइंस की लीज के विस्तारीकरण को झारखंड सरकार ने पूर्व में किया है. राखा कॉपर का लीज क्षेत्र 785 हेक्टेयर में है. इसमें 98 हेक्टेयर वन भूमि है. वहीं, केंदाडीह माइंस के लीज क्षेत्र 1139 हेक्टेयर में 413 हेक्टेयर वन भूमि है. राखा व केंदाडीह माइंस को फिर से संचालित करने के लिए वन व पर्यावरण स्वीकृति जरूरी है. एचसीएल प्रबंधन पर्यावरण स्वीकृति के लिए प्रयासरत है. पर्यावरण स्वीकृति मिलने से बंद राखा व केंदाडीह माइंस को चालू करने का मार्ग प्रशस्त हो जायेगा. जुलाई 2001 से बंद राखा कॉपर माइंस को फिर से चालू करने का ग्लोबल टेंडर साउथ वेस्ट माइनिंग लिमिटेड को मिला है. ठेका कंपनी राखा कॉपर प्रोजेक्ट को फिर से चालू करने की पहल कर रही है.
वैज्ञानिक डॉ रवि ने राखा-केंदाडीह माइंस का दौरा किया
मुसाबनी. पर्यावरण वन मंत्रालय रांची के वैज्ञानिक डॉ रवि ने सोमवार को एचसीएल की बंद पड़ी राखा व केंदाडीह माइंस का दौरा किया. राखा माइंस की जांच के बाद डॉ रवि ने केंदाडीह माइंस का जायजा लिया. उन्होंने माइंस परिसर में आम समेत कई प्रजाति के पौधों का रोपण किया. उनके साथ राखा माइंस के मैनेजर नरेंद्र, केंदाडीह माइंस के मैनेजर एस संपत कुमार, एचआर कमलेश कुमार, अमित देवकार समेत एचसीएल के कई पदाधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे.
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