चाकुलिया. राज्य सरकार ने दीपावली और छठ महापर्व को देखते हुए सभी सरकारी विभागों को 16 अक्तूबर तक वेतन भुगतान करने का आदेश दिया है, ताकि कर्मियों को त्योहारों में कोई आर्थिक परेशानी न हो. लेकिन मनरेगा कर्मियों की स्थिति इसके विपरीत है उन्हें पिछले 4-5 महीनों से मानदेय नहीं मिला है. इन त्योहारों में घर की मरम्मत, सफाई, रंगाई-पुताई, नये कपड़ों की खरीदारी, दीपक और तेल, मिठाई, पटाखे तथा इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीद सामान्य है. छठ पूजा में अर्घ्य सामग्री, फल, पूजा-सामग्री और तालाब घाटों की सजावट पर भी विशेष खर्च आता है. मानदेय भुगतान न होने से मनरेगा कर्मियों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गयी है.
18 वर्षों से कर रहे हैं सेवा पर नहीं मिला फल:
चाकुलिया के मनरेगा कर्मियों का कहना है कि विकास योजनाओं को अमल में लाने में उनकी भूमिका रहती है, फिर उनके मानदेय भुगतान को लेकर सरकार गंभीर क्यो नहीं है. अनूप पांडा, सुभाशीष साव, समीर बेरा आदि कर्मियों ने बताया कि वे करीब 18 वर्षों से गरीब ग्रामीणों के विकास कार्यों में जुटे हैं, मगर उन्हें उचित आर्थिक सम्मान नहीं मिल पा रहा. उन्होंने यह भी कहा कि योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने और पंचायत सचिवालय के संचालन में उनकी अहम भूमिका होती है, लेकिन मनरेगा कर्मियों को सरकारी योजनाओं से वंचित रखा गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

