डुमरिया. डुमरिया प्रखंड के प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति बेहद चिंताजनक है. कई विद्यालय आज भी भवन विहीन हैं और कई में एक ही कमरे में कक्षा एक से पांच तक के सभी विद्यार्थी पढ़ाये जा रहे हैं. कई विद्यालयों में केवल एक शिक्षक पर पूरी पढ़ाई निर्भर है. ऐसा ही उदाहरण है पड़सा प्राथमिक विद्यालय का, जो मुख्यालय से लगभग सात किलोमीटर दूर स्थित है. यहां 38 नामांकित विद्यार्थियों के लिए केवल एक कक्षा उपलब्ध है. अन्य दो कमरे जर्जर अवस्था में हैं, जिनमें से एक में स्कूल कार्यालय और अन्य सामग्रियां रखी गयी हैं. कार्यालय की छत का प्लास्टर टूटकर गिर रहा है, जिससे कभी भी हादसा हो सकता है.
पारा शिक्षक के भरोसे चल रहा विद्यालय :
विद्यालय में कार्यरत पारा शिक्षक लालू महतो भी प्रतिनियुक्ति में हैं. उनका मूल विद्यालय उप्रावि हेंसाडीह है. एक ही कमरे में कई कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने की स्थिति देखकर स्पष्ट होता है कि प्रखंड के अधिकतर प्रा विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता गिर रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षा से ही समाज का विकास संभव है, लेकिन ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है. कुछ अपवादों को छोड़ दें तो अधिकतर विद्यालयों की स्थिति काफी खराब है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

