पटमदा.
पटमदा की लच्छीपुर पंचायत के मुकरुडीह गांव में डायरिया पूरी तरह से पैर पसार चुका है. इसकी चपेट में दर्जनों ग्रामीण आ चुके हैं. इसकी जानकारी मिलते ही विधायक प्रतिनिधि चंद्रशेखर टुडू ने रविवार को पटमदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ राजीव कुमार सिंह से संपर्क कर गांव में स्वास्थ्य शिविर लगवाया. शिविर में डॉ सिंह स्वयं मौजूद रहे और अनेक मरीजों की जांच कर दवा वितरित की. इसमें एक महिला की हालत गंभीर होने से बंगाल के बांदोवान अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां से वह स्वस्थ होकर रविवार को लौट आयी. डॉ सिंह ने बताया कि गांव की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है. स्वास्थ्य सहियाओं को पर्याप्त दवा दे दी गयी हैं. ग्रामीणों को उबला पानी पीने तथा किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचना देने की सलाह दी गयी है. मौके पर सीएचओ शिखा महतो, एमपीडब्ल्यू रविन्द्र नाथ दास, स्वास्थ्य सहिया और झामुमो के अश्विनी महतो भी उपस्थित थे. वहीं, स्थिति का जायजा लेने पहुंचे विधायक प्रतिनिधि चंद्रशेखर टुडू ने बताया कि बीमारी फैलने के पीछे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन ग्रामीणों का मानना है कि दूषित पानी से यह संक्रमण फैला है. गांव के अधिकतर लोग कुएं और चापाकल का पानी पीते हैं. टुडू ने प्रशासन से गांव में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करवाने और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है.भालुकनाला में डायरिया के दो और मरीज मिले, स्थिति नियंत्रण में
चाकुलिया.
चाकुलिया प्रखंड की बर्डीकानपुर-कालापाथर पंचायत स्थित भालुकनाला गांव में डायरिया फैलने से लोग दहशत में हैं. हालांकि धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है. चाकुलिया सीएचसी के स्वास्थ्य कर्मियों के मुताबिक पहले दिन 14 लोग डायरिया से आक्रांत हुए थे. दूसरे दिन दो नये मरीज मिले. उन्हें चाकुलिया सीएचसी में इलाज कराया गया. इनमें 50 वर्षीय दासी मुंडा व 75 वर्षीय वृद्ध बुद्धेश्वर मुंडा शामिल हैं.कुआं में डाला गया ब्लीचिंग पाउडर
स्वास्थ्य कर्मियों ने रविवार को भालुकनाला गांव का जायजा लिया. जल स्रोतों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया. जिस कुएं का पानी ग्रामीण पीते हैं, उसमें ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव हुआ.ज्ञात हो कि पंचायत के जमीरा गांव में दीपावली और काली पूजा के दौरान डायरिया का फैला था. उस दौरान 85 वर्षीया वृद्धा की मौत हुई थी. त्योहार की छुट्टी पर स्वास्थ्य कर्मियों ने जमीरा गांव में लगातार डायरिया से निपटने के लिए काम किया. स्वास्थ्य कर्मियों का मानना है कि कुआं के प्रदूषित पेयजल के कारण डायरिया फैला है.
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