गालूडीह. मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है. कभी धूप, कभी बारिश के कारण फंगल संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं. गालूडीह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों वायरल व फंगल के मरीज अधिक आ रहे हैं. प्रतिदिन करीब 30-40 मरीज इलाज करा रहे हैं. चिकित्सक डॉ मुगली हांसदा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर लोग नदी और तालाब नहाते हैं. यही कारण है कि बच्चों से लेकर बुजुर्ग फंगल इंफेक्शन की चपेट में आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि अगर समय रहते इलाज न किया जाये, तो फंगल इंफेक्शन पूरे शरीर में फैल सकता है. इससे खुजली, जलन, दाने और स्किन डैमेज जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.
संक्रमित व्यक्ति सफाई पर विशेष ध्यान दें:
फंगल इंफेक्शन के लक्षणों में त्वचा पर लाल चकत्ते, खुजली, जलन और सूजन शामिल हैं. यह संक्रमण शरीर के उन हिस्सों में अधिक होता है, जहां नमी बनी रहती है. जैसे बगल, गर्दन, जांघों और पैरों की उंगलियों के बीच. उन्होंने सलाह दी कि संक्रमित व्यक्ति को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखे.
फंगल इंफेक्शन के कारण:
गंदे पानी में नहाने, बारिश में ज्यादा देर तक भीगने या पानी में रहने पर, भीगने के बाद गीले कपड़े पहने रहने,अत्यधिक दवाओं के सेवन करने, खुजली वाले दाने पड़ने, गर्मी में टाइट कपड़े पहनने आदि. बचाव के प्रमुख उपाय: नहाने के बाद शरीर सुखाकर ही साफ सुथरा कपड़े पहनें, अगर पसीना ज्यादा आता है तो उसे बार-बार पोंछते रहे, ज्यादा देर बारिश में न भीगे, अगर भीग जाए तो सूखे कपड़े से शरीर पोंछे, पसीना आने पर खुजली होती है तो बार बार खुजली न करें, हमेशा साफ-सफाई का ध्यान रखें, फंगल इंफेक्शन होने पर चर्म रोग विशेषज्ञ से तुरंत सलाह लें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

