चाकुलिया : झारखंडी अपने हक और अधिकार के लिए संगठित होकर आंदोलन करें. समाज के युवा अपनी भाषा और संस्कृति के रक्षा के लिए संगठित हों. उक्त बातें चाकुलिया के डाक बंगला परिसर में शनिवार को झारखंड दिशोम माझी मड़वा की बैठक को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए पूर्व सांसद सह झारखंड दिशोम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कही. उन्होंने कहा कि आदिवासियों का अस्तित्व तभी बचेगा, जब समाज के युवा संगठित होंगे. भाषा, धर्म, स्वशासन और नौकरी में समाज के युवा आयेंगे तभी सही मायने में झारखंड राज्य का निर्माण होगा.
आदिवासी समाज अपने पूजा स्थल जाहेरथान में जायें. पूजा स्थल जाकर ही संथाल अपनी एकता और ताकत को बढ़ा सकते हैं. बैठक को चंद्र मोहन मांडी और सुमिश्रा मुर्मू ने भी संबोधित किया. बैठक में प्रखंड कमेटी का गठन किया गया. अध्यक्ष दुर्गा चरण मांडी, उपाध्यक्ष रावण चंद्र मुर्मू, महामंत्री मंगल चंद्र हांसदा, अखिल भारतीय माझी परगना माड़वा के अध्यक्ष परमेश्वर मांडी, उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र मांडी, महामंत्री लक्ष्मण हांसदा, अखिल भारतीय सरना धर्म मड़वा के अध्यक्ष चंद्र मोहन मांडी, उपाध्यक्ष चुनकाई मुर्मू, महासचिव लक्ष्मण चंद्र मांडी, ऑल इंडिया संथाली एजुकेशन कांउसिल के कोर्डीनेटर महेंद्र कुमार हांसदा समेत अन्य का चुनाव किया गया.बैठक की अध्यक्षता चंद्र मोहन मांडी ने की.