मुसाबनी : गोहला पंचायत की पहाड़ की तलहटी पर स्थित दलमाकोचा उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय सरकारी उपेक्षा का शिकार है. 2002 में स्थापित इस स्कूल में सारूदा तथा दलमाकोचा के 50 बच्चे पढ़ते हैं. इस स्कूल में चापानल नहीं है.
इसके कारण मध्याह्न् भोजन के लिए पानी आधा किमी दूर खड़ियाकुआं से ढोकर लाना पड़ता है. सरस्वती वाहिनी संयोजिका पुड़गी सोरेन आधा किमी दूर से कच्चे कुएं से पानी लाकर स्कूल के बच्चों के लिए मध्याह्न् भोजन बनाती है. स्कूल में दो पारा शिक्षक हैं, कमला माहली तथा बाबू लाल सोरेन.
दोनों विक्रमपुर से पढ़ाने स्कूल आते हैं. बाबूलाल सोरेन ने बताया कि स्कूल में चापानल लगाने का आवेदन स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष कुंवर हांसदा के माध्यम से बीआरसी को दिया गया. आवेदन देने के बाद भी विद्यालय में चापानल नहीं लगा है.
स्कूल में चापानल नहीं होने से जहां मध्याह्न् भोजन बनाने के लिए दूर से पानी लाना पड़ रहा है. वहीं स्कूल बच्चों को भी पानी की कमी की समस्या झेलनी पड़ती है. स्कूल के बच्चों के अनुसार गरमी तथा बरसात में पेयजल के लिए परेशानी उठानी पड़ती है.