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बराज कॉलोनी में पानी के लिए हाहाकार
गालूडीह : नहर बना कर दूसरों को पानी देने वाले सुवर्णरेखा परियोजना के कर्मी खुद प्यासे हैं. परियोजना के गालूडीह बराज कॉलोनी में पानी के लिए हाहाकार मचा है. ऐसी स्थिति कई माह से हैं, परंतु गरमी की दस्तक के साथ परेशानी ओर अधिक बढ़ गयी है. अनियमित जलापूर्ति के कारण लोगों को पानी नहीं […]
गालूडीह : नहर बना कर दूसरों को पानी देने वाले सुवर्णरेखा परियोजना के कर्मी खुद प्यासे हैं. परियोजना के गालूडीह बराज कॉलोनी में पानी के लिए हाहाकार मचा है. ऐसी स्थिति कई माह से हैं, परंतु गरमी की दस्तक के साथ परेशानी ओर अधिक बढ़ गयी है.
अनियमित जलापूर्ति के कारण लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है. परियोजना में लगे अधिकांश चापानल भी बेकार पड़े हैं. गालूडीह कॉलोनी में सी से एफ टाइप तक कॉलोनियां है, जहां एक हजार से अधिक परियोजना के तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मी अपने परिवार और बच्चों के साथ रहते हैं. उन्हें पानी के लिए तरसना पड़ रहा है. जलापूर्ति के तहत बिछाई गयी पाइप ही सही से नहीं बिछाने से नल से पानी नहीं गिरता है. लोग जमीन के नीचे गड्ढा कर पाइप से पानी लेते हैं.
परियोजना कर्मी सुरेंद्र सिंह, राजा राम प्रसाद, गोपाल पटनायक, दुलगू मांझी, दिनेश सिंह, राम पदारथ सिंह, शिव शंकर, वीरेंद्र राम, गुरुचरण, फटीक महतो, ठाकुर कालिंदी आदि ने बताया कि कई माह से पानी के लिए परेशान हैं. कई बार परियोजना के वरीय अधिकारियों से शिकायत की गयी, परंतु कोई पहल नहीं हुई.
अभियंता यहां नहीं रहते, कर्मी परेशान. बराज कॉलोनी में अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक, सहायक और कनीय अभियंता यहां नहीं रहते हैं. उनका क्वार्टर खाली पड़ा है. यहां तृतीय और चतुर्थ वर्गी कर्मी ही रहते हैं,उन्हें जल संकट से जूझना पड़ रहा है. पदाधिकारी जब कार्यालय पहुंचते हैं, तो जनरेटर जला कर कार्यालय में जलापूर्ति की जाती है और बागवानी में पानी पटाया जाता है, परंतु क्वार्टर में रहने वालों के लिए जनरेटर नहीं चलता. नहीं जलापूर्ति को कोई समय ही निर्धारित है.
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