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चाईबासा जेल ब्रेक कांड को अंजाम देने की थी योजना, पुलिस ने किया पर्दाफाश, नक्सली संदीप व साथियों को भगाने की साजिश भाजपा नेता रामा पांडेय और तीन गार्ड गिरफ्तार
चाईबासा : एक बार फिर चाईबासा जेल ब्रेक कर कुख्यात नक्सली संदीप उर्फ मोतीलाल सोरेन समेत अन्य नक्सलियों को छुड़ाने के लिए रची जा रही साजिश का समय रहते भंडाफोड़ कर पुलिस ने उसे नाकाम कर दिया. एसपी क्रांति कुमार गड़देशी के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने उक्त साजिश में शामिल भाजपा जिला कार्यसमिति […]
चाईबासा : एक बार फिर चाईबासा जेल ब्रेक कर कुख्यात नक्सली संदीप उर्फ मोतीलाल सोरेन समेत अन्य नक्सलियों को छुड़ाने के लिए रची जा रही साजिश का समय रहते भंडाफोड़ कर पुलिस ने उसे नाकाम कर दिया. एसपी क्रांति कुमार गड़देशी के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने उक्त साजिश में शामिल भाजपा जिला कार्यसमिति सदस्य सह झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के अध्यक्ष रामा पांडेयय और जेल के तीन सुरक्षा गार्डों विजय खालखो, चामु मुंडा व जुएल होरो को गिरफ्तार कर लिया. यह जानकारी एसपी क्रांति कुमार गड़देशी ने सोमवार शाम अपने कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में दी.
एसपी ने बताया कि पूरी योजना के सूत्रधार और फाइनेंसर रामा पांडेयय को रविवार शाम उसके गुवा स्थित कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया गया था जबकि खूंटी के हातुदानी निवासी विजय खालको, तुनगांव बरटोली निवासी चामु मुंडा तथा कोटलो निवासी जुएल होरो को चाईबासा जेल परिसर स्थित आवास से व ड्यूटी के दौरान गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा : रामा पांडेय कुख्यात नक्सली संदीप दा का फाइनेंसर है. जेल में बंद संदीप तथा नक्सली संगठन ने मिलकर जेल ब्रेक की योजना तैयार की थी.
इसमें आने वाले सारे खर्च का भुगतान रामा पांडेय कर रहा था. तीनों सुरक्षा प्रहरियों से रामा पांडेय के लोग जेल में, कोर्ट परिसर में तथा अन्य जगहों पर मिल रहे थे. जेल से बाहर सुरक्षाकर्मियों के साथ पूरी डील हुई थी तथा एडवांस पैसों का भुगतान भी कर दिया गया था. पूछताछ के दौरान यह बात सामने आयी है कि दुर्गापूजा में पुलिस की व्यस्तता को देखते हुए उसी समय जेल ब्रेक करने की योजना थी.
दो बार जेल जा चुका है रामा : एसपी ने बताया कि नक्सलियों का फाइनेंसर रामा पांडेय इससे पूर्व भी दो बार नक्सली कांड में जेल जेल चुका है और उस पर कुल नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
जेल में लगातार बैठकें कर रहा था संदीप : एसपी के मुताबिक, खबर यह भी थी कि झारखंड सरकार द्वारा 25 लाख रुपये का घोषित इनामी उग्रवादी संदीप की गिरफ्तारी से उग्रवादी संगठन को काफी क्षति पहुंची है. इसलिये उसे छुड़ाने के लिये उग्रवादी संगठन व सहयोगी किसी भी हद तक जा सकते हैं. उधर, संदीप भी जेल में अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर लगातार बैठक कर रहा था.
पिछले दो जेल ब्रेक कांडों के समय विजय यहीं पदस्थापित था : जेल का सुरक्षा प्रहरी विजय खालको इससे पूर्व 17 जनवरी 2011 व 9 दिसंबर 2014 को हुए चाईबासा के जेल ब्रेक कांड के समय भी चाईबासा जेल में पदस्थापित था. इस कारण वह संदीप से भली-भांति परिचित हो गया है. जिसके कारण संदीप आसानी से उसे अपने साथ मिलने में सफल रहा. इसके बाद विजय ने अन्य दो सुरक्षा कर्मियों को अपने साथ मिला लिया था.
कैदियों से घुल मिल रहे थे सिपाही : एसपी गड़देशी ने योजना पूरी तरह से फूल प्रूफ बन रही थी. इसे लेकर इनके द्वारा आपस में पत्राचार भी किया जा रहा था. इन लोगों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने तीनों सुरक्षा कर्मी तथा रामा पांडेय के पास से आपस में किये गये पत्राचार की कॉपी भी बरामद की है. नक्सलियों के साथ तीनों कैदी जेल में भी ड्यूटी के दौरान काफी घुल मिलकर बातें करते थे. जिसके कारण वरीय अधिकारियों द्वारा इन्हें सख्त हिदायत दी गयी थी. लेकिन इसके बावजूद तीनों बाज नहीं आ रहे थे.
पहली दफा हुये जेल ब्रेक में भागे थे तीन नक्सली : पहली दफा 27 जनवरी 2011 को हुए जेल ब्रेक में संदीप दा, धीरेन दा उर्फ उत्तम दा उर्फ गिरीश दा उर्फ नारायण महतो तथा रघुनाथ हेंब्रम उर्फ बीरसेन उर्फ निर्भय जी जेल के सेल की खिड़की का रॉड काटकर अनाज गोदाम होते हुए भाग गये थे. इसमें से धीरेन को ओड़िशा पुलिस ने गिरफ्तार करलिया था.
जबकि संदीप को 2 नवंबर 2017 को चाईबासा पुलिस ने जेटिया से गिरफ्तार किया था. इसी तरह दूसरे जेल ब्रेक में 9 सितंबर 2014 को 15 कैदी भागने में सफल रहे. इनमें आठ नक्सली और सात अपराधी थे. जबकि दो नक्सली मारे गये थे. भागने वाले नक्सलियों में चोकरो चाकी, विमल गुड़िया, गुड़ा नाग जैसे नक्सलियों को पुलिस फिर से पकड़ने में सफल रही थी.
रस्सी के सहारे दीवार फांदने का था प्लान
26 सितंबर को पुलिस को सूचना मिली थी कि कुख्यात नक्सली मोतीलाल सोरेन उर्फ संदीप अपने अन्य साथी जयमसीह चरद, रामेश्वर कुंकल, मार्कंडेय सिंह कुंटिया, देव कुमार बिरूली, नाला भिक्षापतिस, राजेश टुडू उर्फ राजेश संथाली के साथ दुर्गापूजा के आसपास जेल ब्रेक कर भागने का प्लान बनाये हुए है. इस षड्यंत्र में जेल में कार्यरत कुछ सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं.
उन्हें मोटी रकम की पेशकश की गयी है. वे लोग भागने के लिये रस्सी के सहारे दीवार पार कर सकते हैं. न्यायालय आने-जाने के रास्ते में या कोर्ट कैंपस में गोलीबारी कर या बमबारी करा सकते हैं. उनके कुछ सहयोगी जेल के आंतरिक व बाहरी परिसर, कोर्ट व जेल से कोर्ट आने जाने वाले रास्ते की रेकी भी कर रहे हैं.
चार लाख दिये थे एडवांस
एसपी ने बताया कि जेल ब्रेक के लिये रामा पांडेय ने तीनों सुरक्षा प्रहरियों से मिलकर दस लाख में डील की थी. बतौर अग्रिम राशि तीनों प्रहरियों को चार लाख दिये जा चुके थे. यह राशि विजय खालको ने ली थी और अन्य दो साथियों में बांट दिया था.
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