चाईबासा : कोल्हान जंगल को शरणस्थली बनाकर रह रहे माओवादियों के शीर्ष नेता किशन दा, मिसिर बेसरा व सुधाकरण को पुलिस मार गिरायेगी या खदेड़ भगायेगी. झारखंड में माॅनसून आने से पहले फोर्स इस कार्य को अंजाम देगी. इसे लेकर दो दिनों बाद नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन शुरू होगा. उक्त निर्णय गुरुवार को चाईबासा सीआरपीएफ डीअाइजी कार्यालय में हुई बैठक में लिया गया. आइजी ने कहा सारंडा छोड़कर भागे नक्सली कोल्हान जंगल में नया ठिकाना बनाने की कोशिश में हैं. इसे लेकर सांगाजाटा तथा इसके आसपास के क्षेत्रों में सात नये स्थायी कैंप लगाये जायेंगे.
यहां से फोर्स को एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाने में आसानी होगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस क्षेत्र में ऑपरेशन चलाने के लिए फोर्स को 40 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. ऑपरेशन आइजी आशीष बत्रा ने नक्सलियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे सरेंडर करें , नहीं तो फोर्स के हाथों मारे जायेंगे. उनके पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है. मौके पर रांची डीआइजी अमोल वेणुकांत होमकर, डीआइजी सीआरपीएफ राजीव राय, एसपी मयूर पटेल कन्हैया लाल, एसटीएफ एसपी हीरालाल चौहान, सीआरपीएफ 174, 197 व 60 बटालियन के कमांडेंट आदि मौजूद थे.
ट्रूप इंटर एक्सचेंज थ्योरी पर फोर्स करेगी फोकस
कोल्हान जंगल में बीते दिनों नक्सलियों के खिलाफ चले दो ऑपरेशन में ट्रूप इंटर एक्सचेंज (फोर्स की अदला-बदली) करने में समस्या हुई थी. इस पर आइजी ने फोकस करने की बात कही. कहा कि माओवादियों के खिलाफ अगला अभियान लंबा चलने की उम्मीद है. ऐसे में ट्रूप एक्सचेंज किस तरह से होगा, इस पर विशेष ध्यान देना होगा.
आधे घंटे में नक्सलियों ने चलायीं 3000 गोलियां : श्री बत्रा ने कहा कि बीते दिनों हुई मुठभेड़ में माओवादियों ने लगातार फायरिंग की. माओवादियों ने लगभग आधे घंटे में 3000 गोलियां बरसायीं थीं. जिसके कारण सुरक्षा बलों को आगे बढ़ने में समय लगा. इसे ध्यान में रखते हुए कोल्हान जंगल में अस्थायी कैंप बनाकर हथियार रखे जायेंगे. इस कैंप में जवानों के लिए रसद भी रखी जायेगी.
25 साल बाद किशन दा से हुई सीधी मुठभेड़
आइजी ने कहा कि एक माह के अंदर पश्चिमी सिंहभूम में चले बड़े दो ऑपरेशन में नक्सलियों को भारी क्षति हुई है. उन्होंने कहा कि 25 साल बाद माओवादियों के शीर्ष नेता किशन दा के साथ सुरक्षा बलों की सीधी मुठभेड़ हुई. इस दौरान माओवादियों के ठहरने की 21 छोटी-छोटी झोपड़ियां ध्वस्त की गयीं. नक्सलियों की गतिविधियों पर फोर्स की नजर बनी हुई है. उनके नये ठिकाने पर भी पुलिस की रडार पर है. इस बार पांच तरफ से माओवादियों को घेरने की रणनीति बनायी जा रही है.
सरेंडर करने वाले नक्सलियों का होगा बेहतर पुनर्वास
नक्सलियों के खिलाफ शीघ्र ही नये सिरे से ऑपरेशन चलेगा. इस बार कोल्हान जंगल हमारे फोकस में है. यहां दो बार हुई मुठभेड़ में माओवादी घने जंगल का लाभ उठाकर भागने में सफल रहे. इस जंगल में सात कैंप लगाये जायेंगे. मैं मीडिया के माध्यम से माओवादियों से सरेंडर करने की अपील करता हूं. सरेंडर करने वाले नक्सलियों का बेहतर पुनर्वास कराया जायेगा. फोर्स ने चार माह में 17 उग्रवादियों को मार गिराया है. जबकि सुरक्षा बलों से लूटे गये 40 हथियार भी बरामद कर लिये गये हैं.