धालभूमगढ़ : सुवर्ण रेखा नदी के बिहिंदा पुल कभी भी ध्वस्त हो सकता है. पुल की प्लींथ वर्क्स की ढलाई टूट कर गिरने लगी है. पुल से छड़ भी दिखायी देने लगी है. नदी में पानी घटने के बाद से पुल के सात पीलर दिखने लगे हैं. बिहिंदा के ग्रामीणों ने बताया कि भारी वाहन के आवागमन से पुल ध्वस्त होने की संभावना है. नदी के पानी के अंदर वर्क्स प्लींथ में छड़ पर पीलर खड़े हैं. पुल में 17 पीलर हैं. पुल का निर्माण 2012 में पूरा हो चुका है. विदित हो कि उक्त पुल का शिलान्यास प्रदीप कुमार बलमुचु ने 27 सितंबर 2007 में किया था.
तत्कालीन सांसद सुमन महतो ने अलग से पुल का शिलान्यास किया था. नवार्ड मद से रामेश्वरम कंस्ट्रक्शन ने पुल का निर्माण कराया. योजना स्थल पर बोर्ड भी नहीं लगा है, इसलिए पुल की प्राक्कलित राशि की जानकारी नहीं है. बिहिंदा पुल से गुड़ाबांदा के फॉरेस्ट ब्लॉक, सिंहपुरा, गुड़ाबांदा पंचायत के ग्रामीण धालभूमगढ़ आवागमन करते हैं. वर्क्स प्लींथ की ढलाई के दो साल बाद ही प्लास्टर टूट कर गिरने लगी है और छड़ दिखायी पड़ने लगे हैं.