घाटशिला : घाटशिला के राजस्टेट मैदान में बुधवार को धालभूम सरदार वाहिनी के बैनर तले भूमि पुत्र भूमिजों, मुंडा-मानकी का सामाजिक एकता मिलन समारोह हुआ. इसमें झारखंड, बंगाल और ओड़िशा से हजारों लोग शामिल हुए. राज परिवार के कई वंशज भी पहुंचे. समारोह के पूर्व पारंपरिक नृत्य हुआ.
मुख्य वक्ता रांची हाइकोर्ट के वकील विश्वजीत सिंहदेव ने कहा कि अलग राज्य बना, लेकिन आदिवासियों- मूलवासियों को हक नहीं मिला. जल, जंगल, जमीन ल अस्तित्व बचाने के लिए आदिवासियों-मूलवासियों को एक और लड़ाई लड़नी होगी. बिरसा मुंडा का गांव आज भी उपेक्षित है. राज परिवार के वंशजों को सरकार सम्मान नहीं देती. सिदो-कान्हु, चांद-भैरव, राजा जगन्नाथ धल, जगन्नाथ सिंह, गंगानारायण सिंह, रघुनाथ सिंह, बिरसा मुंडा जिसके लिए आंदोलन किया. वह आज भी अधूरा है.
17 साल में कुछ नहीं हुआ : श्री सिंहदेव ने कहा झारखंड बने 17 साल हुए. सत्ता पर सबसे अधिक दिन कौन काबिज रहा. सभी जानते हैं. 17 साल में भी झारखंडियों को हक नहीं मिला. मेरे क्षेत्र के विधायक प्रदीप यादव को जेल भेजा गया.
झारखंडी पढ़ें, तभी हक मिलेगा
उन्होंने कहा कि झारखंड रंकिनी की मिट्टी है. भूमि पूत्रों को खैरात नहीं हक चाहिए. इस राज्य में कल-कारखाने लगाने वाले उद्योगपति किसानों और जमीन मालिकों को शेयर दें. जनता अपना राज्य, संस्कृति और परंपरा को बचाने के लिए चुनाव में अपने विवेक से काम लें. झारखंडी पढ़ें, वकील, जज, आइएएस, आइपीएस बने तब हक मिलेगा.
गालूडीह बराज डैम का नाम गंगा नारायण सिंह रखा जाय
उन्होंने कहा गालूडीह बराज डैम का नाम गंगा नारायण सिंह रखा जाय. टाटा और जमशेदपुर का नाम बदल कर मान सिंह रखा जाय.
शहीदों को किया गया नमन, राज परिवार ने रखे विचार
समारोह में पूर्व शहीद राजा जगन्नाथ धल, जगन्नाथ सिंह, रघुनाथ सिंह, बिरसा मुंडा को पुष्प अर्पित कर नमन किया गया. समारोह की अध्यक्षता रंजीत सिंह ने की. संचालन रूद्र नारायण सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन अमित सिंह ने किया. समारोह के पूर्व सरदार वाहिनी के नेतृत्व में मां रंकिनी की पूजा भी की गयी. समारोह को खरसवां राज परिवार के गोपाल चंद्र सिंहदेव, नरसिंहगढ़ राज परिवार के नंदन सिंहदेव, ईचागढ़ राज परिवार के प्रशांत कुमार आदित्य देव, सरायकेला राज परिवार के प्रताप आदित्य सिंहदेव, दुगुनी राज परिवार के लाल बहादुर सिंहदेव, चाईबासा राज परिवार के संदीप प्रताप सिंह, सुषमा सिंह, विशु मल्लव, अमित सिंह सेन आदि ने भी अपने विचार रखे. समारोह में संयोजक जुगल सिंह सरदार, मुखिया किरिटी सिंह, सुकुमार सिंह, बांसती सिंह, पोल्टू सरदार, बादल चौधरी समेत अनेक लोग शामिल थे.
समारोह में मुंडा, मानकी, जमींदार, सरदार, घाटवाल, पाइक, दिगार, प्रधान, नायके, देउरी, डकुआ शामिल हुए
झारखंड, बंगाल और अडि़शा से लोग आये थे, राज परिवार के कई वंशज भी शामिल हुए