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सुरदा और मुसाबनी प्लांट के बेरोजगार मजदूरों का आंदोलन

घाटशिला : बेरोजगारी व वेतन नहीं मिलने के कारण आर्थिक तंगी झेल रहे सुरदा खदान व मुसाबनी प्लांट के मजदूरों ने शुक्रवार को सुरदा माइंस कोर कमेटी के बैनर तले मऊभंडार स्थित आइसीसी जेनरल ऑफिस के मुख्य द्वार पर धरना दिया. शुक्रवार की सुबह 6.30 बजे पुरुष और महिला मजदूर जनरल ऑफिस पहुंचे और धरना […]

घाटशिला : बेरोजगारी व वेतन नहीं मिलने के कारण आर्थिक तंगी झेल रहे सुरदा खदान व मुसाबनी प्लांट के मजदूरों ने शुक्रवार को सुरदा माइंस कोर कमेटी के बैनर तले मऊभंडार स्थित आइसीसी जेनरल ऑफिस के मुख्य द्वार पर धरना दिया. शुक्रवार की सुबह 6.30 बजे पुरुष और महिला मजदूर जनरल ऑफिस पहुंचे और धरना पर बैठे गये.

मजदूर अपने हाथों में मांगें लिखी तख्तियां लेकर बैठे थे. मजदूर आइसीसी-एचसीएल प्रबंधन के खिलाफ नारे लगा रहे थे. मजदूर मई का बकाया मजदूरी भुगतान करने, सुरदा खदान और मुसाबनी प्लांट जल्द चालू करने, आइआरएल के भागने पर बेरोजगार हुए करीब डेढ़ हजार मजदूरों को बहाल करने की मांग कर रहे थे. दोपहर 3.30 बजे तक धरना पर बैठे मजदूरों के साथ आइसीसी का कोई पदाधिकारी वार्ता के लिए नहीं आया. कार्यपालक दंडाधिकारी देवेंद्र दास ने मजदूरों को समझाया. उन्होंने कहा कि जीएम जमशेदपुर में हैं. उनके आने के बाद वार्ता होगी.
शाम तक कोई नहीं आया वार्ता के लिए, मजदूर नाराज होकर लौटे\
शाम 4.30 बजे तक धरना स्थल पर आइसीसी का कोई पदाधिकारी मजदूरों से वार्ता के लिए नहीं आया. वहीं प्रशासनिक पदाधिकारी भी नहीं आये. नाराज होकर मजदूर 4.30 बजे धरना से उठकर मुसाबनी लौट गये. कोर कमेटी ने कहा रविवार को सुरदा जाहेरगाड़ में बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे.
तीन जून से अबतक सिर्फ आश्वासन : कोर कमेटी
धरना पर बैठे कोर कमेटी के धनंजय मार्डी और सुभाष मुर्मू ने कहा कि दो जून को आइआरएल के भागने के बाद एचसीएल प्रबंधन तीन जून से सिर्फ आश्वासन ही दे रहा है. तीन जून से अब तक मजदूर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं. प्रबंधन पहल करने के बजाय सिर्फ आश्वासन दे रहा है. 26 जून को जनरल ऑफिस के पास मजदूरों ने भिक्षाटन किया था. वहीं 28 जून को सुरदा में धरना देकर आइसीसी के पदाधिकारियों को प्रवेश पर रोक लगा दी. कोई सुनवाई नहीं होने पर आज फिर आइसीसी जेनरल ऑफिस के समक्ष धरना पर बैठे हैं.
सांसद, विधायक व अन्य राजनीतिक दल भी उदासीन
कोर कमेटी ने कहा कि सांसद, विधायक समेत क्षेत्र के विभिन्न राजनीतिक दल के नेता और प्रतिनिधि भी मजदूरों के हक दिलाने के प्रति उदासीन रवैया अपना रहे हैं. 3 जून से डेढ़ हजार मजदूर बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं. श्रीराम इपीसी को कार्यादेश मिलने के बाद सुरदा खदान और प्लांट शुरू नहीं हो पाया. बकाया मजदूरी मिली ना ही रोजगार मिल रहा है. मजदूरों के सब्र की परीक्षा ली जा रही है. इससे आक्रोश बढ़ रहा है. वेतन नहीं मिलने से मजदूरों के परिवार के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. धरने पर धनंजय मार्डी, सुभाष मुर्मू, कार्तिक बेलदार, एसके राय, पोरमा बानरा, किसुन सोरेन, सोमाय हांसदा, मानस भट्टाचार्य, बीर बहादुर लामा, बॉपी डॉन समेत अनेक मजदूर उपस्थित थे.

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