रानीश्वर. आज बुधवार से रोहिणी नक्षत्र शुरू हो गया है. खरीफ खेती के लिए किसानों का खेतों में धान का बीज गिराने का समय आ चुका है. पर लगातार हो रही बारिश से खेतों में कहीं-कहीं पानी जमा है तो कहीं किसानों द्वारा बिचड़ा तैयार करने के लिए जोते गये खेतों की मिट्टी में नमी रहने से किसान धान का बीज नहीं गिरा पा रहे हैं. उधर, खरीफ खेती के लिए सरकार या कृषि विभाग की ओर से भी किसानों को उन्नत किस्म का धान बीज उपलब्ध कराने की पहल भी शुरू नहीं की गयी है. धान बीज न तो कृषि विभाग की ओर से और न ही लैंपस में उपलब्ध कराया गया है. किसानों को बाध्य होकर बाजार से या नजदीकी पश्चिम बंगाल के सिउड़ी या अन्य जगहों से धान बीज खरीदना पड़ेगा. पड़िहारपुर गांव के किसान बाबु साहा ने बताया कि बाजार में स्वर्ण प्रजाति का धान बीज 25 किलो का पैकेट 1700 रुपये में खरीदना पड़ रहा है. जबकि पुराना धान 20 रुपये किलो बेचकर धान बीज खरीदना पड़ रहा है. एक किलो धान बीज खरीदने के लिए तीन किलो से ज्यादा धान बेचना पड़ रहा है. रांगालिया गांव के किसान काजल साहा ने बताया कि गरमा धान फसल की कीमत तो और कम है. 14 या 15 रुपये किलो की दर से बिक रहा है. एक किलो स्वर्ण प्रभेद का धान बीज खरीदने के लिए 5 किलो गरमा धान बेचना पड़ेगा. श्री साहा ने बताया कि एक और मौसम के चलते लगातार बारिश होने से मिट्टी में नमी के चलते परेशानी झेलनी पड़ रही है. दूसरी ओर अभी तक सरकारी स्तर से किसानों के लिए धान बीज भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. आसनबनी गांव के किसान प्रदीप कुमार मंडल ने बताया कि अभी लगातार तीन-चार दिन तेज धूप निकलने से मिट्टी में नमी कम होने या खेतों में हल जोतने लायक मिट्टी तैयार हो जाने से धान बीज गिराया जा सकता है. धान बीज गिराने के बाद बारिश होने से नुकसान नहीं होगा.
क्या कहते हैं पदाधिकारी :
सभी पंचायतों में लैंपस है. पर दो-तीन लैंपस छोड़ कर सभी निष्क्रिय है. कई तो बंद पड़े हैं. इसलिए किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. अभी धान बीज उपलब्ध नहीं हुआ है. जैसे ही बीज आएगा, किसानों को सूचित किया जायेगा.– प्रदीप कुमार कोठरीवाल, प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी
जिला स्तर पर भी किसानों के लिए धान नहीं आया है और न ही लैंपस में धान बीज आया है. लैंपस में बीज आने से किसानों को सरकारी दर पर धान बीज उपलब्ध कराया जाएगा.– योगेश कुमार सिंह, बीटीएम B
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