Jharkhand news, Dumka news, दुमका : दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज (Phoolo Jhano Medical College) के स्टूडेंट्स ने संस्थान में सभी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की मांग की है. लंबे समय से विभिन्न समस्याओं के निदान की मांग कर रहे ये छात्र अब निराश होकर आंदोलन पर उतर आये हैं. बुधवार (6 जनवरी, 2021) को कॉलेज के 96 छात्रों ने कॉलेज के मुख्य भवन के सामने अपने आक्रोश का इजहार किया तथा राज्य सरकार के उदासीन रवैये की आलोचना की.
इस दौरान स्टूडेंट्स ने कहा कि सरकार इस मेडिकल छात्रों पर एक ही उपकार करे. सरकार इन स्टूडेंट्स के लिए लैब्स- लाइब्रेरी को चालू करने का इंतजाम करें और उनके भविष्य को अंधकार में जाने से बचाये. इन छात्रों की शिकायत है कि मेडिकल कॉलेज में अबतक प्रायोगिक कक्षाएं (Practical classes) शुरू नहीं हुई.
प्रायोगिक कक्षाओं के लिए कैडेवर अर्थात डेड बॉडी तक इस कॉलेज को उपलब्ध नहीं कराया गया है और न ही लैब की स्थापना की गयी है. इससे वे बिना प्रयोग के ही एमबीबीएस की पढ़ाई करने को विवश हैं. पुस्तकालय (Library) की भी यहां स्थापना नहीं हो सकी है. दुर्भाग्यपूर्ण तो यह कि कॉलेज प्रबंधन ने छात्रों को अब तक परिचय पत्र तक निर्गत नहीं किया है.
स्टूडेंट्स बताते हैं कि उनके लिए बने हॉस्टल में सुविधाएं और सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. रहने लायक और सुरक्षा का वहां इंतजाम नहीं है. छात्रों ने सृजित पदों के अनुरूप फैकल्टी और कर्मियों के पदस्थापन करने तथा तमाम समस्याओं का निदान करने की मांग की है.
मेडिकल कॉलेज स्टूडेंट्स अभिषेक बताते हैं कि इस कॉलेज के साथ 2 अन्य मेडिकल कॉलेज हजारीबाग और पलामू में स्थापित हुए हैं. पर, वहां सारी सुविधाएं विकसित कर दी गयी है. वहीं, दुमका के इस मेडिकल कॉलेज को उपेक्षित छोड़ दिया गया है. आज तक हमारी प्रायोगिक कक्षा शुरू नहीं हुई. कैडेवर उपलब्ध नहीं कराया गया.
फूलो झानो मेडिकल कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ अरुण कुमार ने कहा कि कुछ कार्य संवेदक के स्तर से होना था, वह नही हो पाया है. इसके कारण ही प्रायोगिक कक्षाएं शुरू नहीं हो पायी है. डेड बॉडी नहीं आ पाया है. सरकार से पत्राचार किया गया है. फैकल्टी की थोड़ी कमी है. 60-70 प्रतिशत फैकल्टी है. कमियों की वजह से ही नया नामांकन नहीं हो पाया है.
Posted By : Samir Ranjan.