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Lead News : सरकारी स्तर से नहीं मिल रही कोई सहायता

प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम में प्रखंड के बोराडांगाल गांव के कृषकों ने अपनी बातों को रखा. क्षेत्र के सिंचित इलाके के यहां के किसान बड़े पैमाने पर गरमा धान की खेती करते हैं. मयुराक्षी बायांतट मुख्य नहर, बड़ा नदी नहर, कैराबनी नहर आदि नहरों के सिंचित इलाके में गरमा धान की खेती करने वाले कृषकों ने बताया कि सरकारी स्तर से उन्हें किसी प्रकार की सहायता नहीं मिलती है.

प्रभात संवाद. गरमा धान की खेती करनेवाले बोराडांगाल के किसानों ने बताया दर्द, कहाप्रतिनिधि, रानीश्वर

प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम में प्रखंड के बोराडांगाल गांव के कृषकों ने अपनी बातों को रखा. क्षेत्र के सिंचित इलाके के यहां के किसान बड़े पैमाने पर गरमा धान की खेती करते हैं. मयुराक्षी बायांतट मुख्य नहर, बड़ा नदी नहर, कैराबनी नहर आदि नहरों के सिंचित इलाके में गरमा धान की खेती करने वाले कृषकों ने बताया कि सरकारी स्तर से उन्हें किसी प्रकार की सहायता नहीं मिलती है. यहां के किसान अपने स्तर से ही खेती करते हैं. बीज, खाद या कीटनाशक दवा हो, कृषकों को सारी चीजें स्थानीय बाजार से या पश्चिम बंगाल के नजदीकी दुकानों से खरीदनी पड़ती है. कृषकों ने बताया कि खरीफ धान की खेती की तुलना में गरमा धान की खेती में उत्पादन ज्यादा होता है, जिस कारण किसान ज्यादा मेहनत करते हैं. प्रति बीघा जमीन पर गरमा धान का उत्पादन 8 से 10 क्विंटल होता है. नकदी फसल होने के कारण इसकी खेती ज्यादा की जाती है. सिंचित इलाके में हजारों एकड़ जमीन पर गरमा धान की खेती होती है. इस बार पाटजोड़, रानीश्वर व हरिपुर शाखा नहरों की पक्कीकरण के लिए निविदा आमंत्रित किये जाने से उस क्षेत्र के किसानों ने गरमा धान की खेती की तैयारी नहीं की. बहुत सारे किसान लीज पर जमीन लेकर भी इसकी खेती करते हैं. किसानों ने सरकार से गरमा फसल को लेकर सरकारी स्तर पर सहायता मुहैया कराने की मांग की है.

क्या कहते हैं बोराडांगाल गांव के किसान

प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न सिंचित इलाके में हम किसान बड़े पैमाने पर गरमा धान की खेती करते हैं. मैंने इस बार 20 बीघा जमीन पर खेती की है. कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार को ध्यान देने की जरूरत है.

सयन साहाहम किसानों को बीज खाद, कीटनाशक दवा सब कुछ अपने स्तर से ही जुगाड़ करना पड़ता है. धानरोपनी से बाली आने तक कीटनाशक छिड़काव करना पड़ता है. पौधा संरक्षण विभाग से दवा उपलब्ध हो.

इंद्रजीत राउतगरमा धान फसल की उत्पादन ज्यादा होने से दूसरे से लीज पर जमीन लेकर खेती करते हैं. सभी पंचायतों में लैंप्स होने के बावजूद सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है. इसके लिए सरकार को पहल करने की जरूरत है.

फटिक मंडलगरमा धान की खेती के लिए कृषि विभाग से किसानों को प्रशिक्षण दिये जाने के साथ साथ कृषि संयंत्र या अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना चाहिए, मनोबल ऊंचा हो, सरकारी सहायता भी मिलनी चाहिए.

चंडीचरण मंडल

पहले पौधा संरक्षण विभाग से स्प्रे मशीन, कीटनाशक दवा आदि उपलब्ध करायी जाती थी. सुविधा भी नहीं मिल रही है. इस फसल में ज्यादा कीट लगते हैं, जिसकी कीटनाशक दवा बाजार से खरीदना पड़ती है.

प्रेम घोषनहर से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होने पर बड़े पैमाने पर गरमा धान की खेती करते हैं. कृषि विभाग की ओर प्रशिक्षण मिलने व कृषि सामग्री उपलब्ध मिलने पर ज्यादा गरमा फसल उत्पादन कर सकते हैं.

मिथुन पुजहर

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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